शहीद के अंतिम संस्कार में हुयी तीन घंटे की देरी

संक्षेप:

  • पुलवामा हमले में शहीद हुए शामली के जवान अमित
  • शव यात्रा बीच में ही रोक दिया
  • वीके सिंह भी अंतिम यात्रा में हुए शामिल

मेरठ: पुलवामा हमले में शहीद हुए शामली के जवान अमित के परिजनों का ये कहना है कि  जवान को समाधि स्थल के लिए भूमि दी जाए जिसके बाद ही जवान का अंतिम संस्कार  के लिए ले जाया जायेगा किया जाएगा.  उसी  मांग को लेकर कुछ लोगों ने शव यात्रा बीच में ही रोक दिया. करीब तीन घंटे की कशमकश और गहमागहमी के बाद प्रशासन द्वारा पूर्व निर्धारित नगर पालिका के शमशान घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद जवान अमित को श्रद्धांजलि देने के लिए जहां भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। यहां जनरल वीके सिंह, केंद्रीय मत्री सतपाल सिंह, गन्ना मंत्री सुरेश राणा सहित प्रशासनिक अधिकारी जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

परिवार सेवा के साथ ही वह सेना अथवा पुलिस में भर्ती होकर देश की भी सेवा करने का जज्बा रखता था। यही कारण रहा कि सेना में भर्ती होकर एक सपना तो पूरा हो गया लेकिन परिवार सेवा के लिए उसने यूपी पुलिस की हाल में परीक्षा दी थी। दोस्त रोहित का कहना है कि सेना की नौकरी से मिलने वाले वेतन से वह परिवार की मदद व पुलिस की भर्ती पूरी करने के लिए होने वाले खर्च को वहन करना चाहता था। वह सोचता था कि यदि वह पुलिस में भर्ती हो गया तो उसे परिवार की सेवा करने का भी मौका मिल जाएगा। उसने जाने से पहले पुलिस की परीक्षा दी थी और सेना में नौकरी की खुशी में साईधाम पर भंडारा किया था। अमित देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है इससे उसका एक सपना तो पूरा हो गया लेकिन परिवार की सेवा करने की हसरत अधूरी रह गई। इसका दोस्तों व परिजनों को गम है।

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 जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले की चारों ओर निंदा हो रही है. इस हमले में 44 CRPF जवान शहीद हो गए हैं. 45 से अधिक जवान घायल हुए हैं. पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों से पूरा देश शोकाकुल और गुस्से में है। कहीं शांति मार्च निकाला जा रहा है, तो कई जगहों पर पाकिस्तान के खिलाफ रैलियों का आयोजन हो रहा है। देश के हर हिस्से में जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। 

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