अटल-कांशीराम, मुलायम और कल्याण ने जब बदल दी थी सियासी हवा; जातिवाद के चक्रवात से हिल गए थे राजनीतिक समीकरण

संतोष शुक्ल, मेरठ।

चुनावी अनुष्ठान से पहले भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यकर्ता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की फोटो के सामने खड़े होकर उनकी ओजभरी कविताओं से चुनावी नारे गढ़ रहे हैं।

पास के कमरे में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी फाइलों में से हिंदुत्व को धार देने वाली चुनावी सामग्री निकाली जा रही है।

वह राम मंदिर के महानायक, हिंदुत्व के सारथी और भाजपाइयों के लिए बाबूजी रहेंगे।

डॉ. राम मनोहर लोहिया के दर्शन को राजनीतिक और व्यवहारिक धरातल पर उतारने वाले धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव समाजवादी पीढ़ियों के लिए नेताजी रहेंगे।

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चिंतन पर दलित चेतना का पिरामिड खड़ा करने वाले कांशीराम वंचितों के लिए मान्यवर कहलाते रहेंगे।

मंडल और कमंडल ने गढ़े नए नायक उत्तर प्रदेश में हर दशक राजनीतिक चरित्र बदलता रहा।

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