मुस्लिम मतों पर सपा-बसपा में खींचतान, कमल का बंटवारे पर ध्यान; बाबरी मस्जिद निर्माण वाले बयान से क्या होगा असर…

प्रदीप द्विवेदी, मेरठ।

सबसे अधिक चर्चा इस बात की है कि मुस्लिम मतदाता किस तरफ जाएंगे।

ध्रुवीकरण होगा या फिर बंटवारा होगा।

मतदान की तिथि 26 अप्रैल नजदीक आ रही है तो मतदाताओं के रुख पर दावों और संभावनाओं के गणित पर भी मंथन तेज हो गया है।  पांच विधानसभा वाली मेरठ-हापुड़ सीट पर लगभग 6.50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जिस पर सपा और बसपा के बीच खींचतान मची हुई है।

भाजपा भी मुस्लिम मतों में सेंध की गुंजाइश लिए गुणा-भाग में जुटी है।  पिछले कई चुनावों के बाद इस बार मैदान में मुस्लिम प्रत्याशी न होने से मन पढ़ पाना आसान नहीं है फिर भी जानकार मान रहे हैं, मुस्लिमों के मौजूदा रुख से टक्कर भाजपा और सपा में दिखाई दे रही है। आकाश आनंद ने किया था बाबरी मस्जिद निर्माण का जिक्र मुरादाबाद और रामपुर में सपा में मचे घमासान के बीच जब बसपा के आकाश आनंद ने बाबरी मस्जिद निर्माण का जिक्र किया तो मेरठ में भी पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी बसपा की ओर से पैरवी को उतर पड़े हैं।  याकूब के उतरने से बसपा को कितना लाभ होगा इसको लेकर जानकारों में असमंजस है लेकिन यह अवश्य माना जा रहा है कि वह सपा का वोट बैंक कम करा सकते हैं।

यदि धुव्रीकरण की स्थिति बनी तो भी उनकी भूमिका रह सकती है।  यह वही याकूब हैं जो पिछली बार 2019 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे, जिन्होंने भाजपा के सामने चुनौती खड़ी कर दी थी।

पांच विधानसभा वाली इस सीट पर चार पर वह जीतते चले गए थे अंत में भाजपा का विजय तिलक कराया था कैंट विधानसभा ने।  याकूब का अब वैसा प्रभाव नहीं है, लेकिन उन्होंने सपा से मुस्लिमों का रुख कम कराने के लिए सीधे सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला है।

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