कभी बिहार में Asst. Engineer थे आम्रपाली ग्रुप के प्रमोटर अनिल शर्मा, ऐसे बनाई 847 करोड़ की प्रॉपर्टी

संक्षेप:

  • रियल एस्टेट के बड़े नाम आम्रपाली ग्रुप पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 42,000 से अधिक खरीदारों को ठगने का आरोप है.
  • आम्रपाली ग्रुप के अध्यक्ष अनिल शर्मा और कंपनी के अन्य दो निदेशक जेल की हवा खा रहे हैं.
  • करोड़ों की ठगी के आरोपी अनिल शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत 1981-1982 में नगरपालिका में सहायक अभियंता के तौर पर की.

पटना: रियल एस्टेट के बड़े नाम आम्रपाली ग्रुप पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 42,000 से अधिक खरीदारों को ठगने का आरोप है. इन खरीदारों ने मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब उच्चतम न्यायलय न्याय कर रहा है. आम्रपाली ग्रुप के अध्यक्ष अनिल शर्मा और कंपनी के अन्य दो निदेशक जेल की हवा खा रहे हैं. करोड़ों की ठगी के आरोपी अनिल शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत 1981-1982 में नगरपालिका में सहायक अभियंता के तौर पर की. वह करीब 35-36 साल पहले बिहार के हाजीपुर जिले में पोस्टेड थे. बाद में वह नौकरी छोड़ नोएडा आये और उनका रियल एस्टेट बिजनेस चल पड़ा. बाद में चुनाव भी लड़े और अब वह जेल की हवा खा रहे हैं.

हाजीपुर नगरपालिका में सहायक अभियंता से हुई करियर की शुरुआत

अनिल शर्मा का जन्म बिहार में राजधानी पटना से करीब 70 किलोमीटर दूर पंडारक गांव में हुआ था. वह एक साधारण परिवार से तालुक रखते थे. उनकी पढ़ाई पटना के साइंस कॉलेज से हुई. इसके बाद उन्होंने NIT कालीकट से B.Tech और IIT खड़गपुर से M.Tech किया. इसके साथ ही उन्होंने LLB और MBA भी किया. इसके बाद उन्होंने हाजीपुर नगरपालिका में नौकरी की. जब उनको नौकरी में रास नहीं आया तो वह सब छोड़कर रियल एस्टेट में हाथ अजमाने नोएडा आ गए. कुछ समय में आम्रपाली रियल एस्टेट ग्रुप का कारोबार चल निकला. कहते हैं आम्रपाली ग्रुप बिहार के आइएएस, आइपीएस और अन्य विभागों के अधिकारीयों की काली कमाई खपाने का ठिकाना बन गया था.

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राजनीति में भी अजमाया हाथ

अनिल शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत JDU के टिकट पर जहानाबाद लोकसभा सीट से 2014 में चुनाव लड़कर की. वह चुनाव हार गए और इसके बाद उन्होंने राज्यसभा के लिए प्रयास शुरू किया. वह JDU के प्रत्याशी बने पर राज्यसभा सदस्य नहीं चुने गए. इसके बाद उन्होंने बीजेपी से भी संपर्क साधा. लेकिन उनका सपना सच नहीं हो पाया. अनिल शर्मा ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति 847 करोड़ बताई थी. उनकी ये संपत्ति चंद वर्षों में ही छू मंतर हो गई. बताया जाता है इसी के बाद उनका बिजनेस भी चौपट हो गया. शर्मा की अनुपस्थिति में कंपनी के अन्य निदेशकों ने कई यूनिट अलग नामों से बुक करा लीं. बहुत घपले हुए. उनके अन्य निदेशकों से बहस भी हुई और इसके बाद कुछ पार्टनर कंपनी से अलग हो गए.

फिल्मो में भी किया इन्वेस्टमेंट

अनिल शर्मा ने दो फिल्मों में भी इन्वेस्ट किया. 2002 में दिल्ली आने के बाद इन्होंने रियल एस्टेट में निवेश किया. बाद में क्रिकेटर एमएस धोनी को ब्रांड एंबेसडर भी बनाया. उच्चतम अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के शीर्ष प्रबंधन के ऊपर आवास परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बनाने के लिए खरीदारों के पैसे को कहीं और निवेश करने की बात कही है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह कंपनी, उसके सीईओ एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनिल शर्मा, निदेशक शिव प्रिया और अजय कुमार के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के उल्लंघन के लिए मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज करे.

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