3 साल पहले बिहार से अगवा कर यूपी-राजस्थान में बेची नाबालिग, अब है 2 बच्चों की अनमैरिड मां

संक्षेप:

  • मामला अपहरण और महिला तस्करी से जुड़ा
  • लड़की को दौसा के गांगल्यावास गांव से मुक्त कराया गया
  • 2018 में बिहार के जहानाबाद से अपहरण हो गया था

 

राजस्थान |राजस्थान के दौसा जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग को पुलिस ने दौसा के गांव से रेस्क्यू किया है। दरअसल, मामला अपहरण और महिला तस्करी से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि लड़की बिहार के जहानाबाद की है और करीब दो साल पहले नाबालिग का 2018 में उसका अपहरण हो गया था। जिसके बाद उसके परिजनों ने थाने में आरोपियों को नामजद करते हुए केस भी दर्ज कराया था, लेकिन स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते परिजनों को उनसे कोई सहयोग नहीं मिला। इसके बाद लड़की के साथ जो हुआ, वह किसी गहरे ज़ख्म से कम नहीं है। 

आपको बता दें, जिस लड़की को दौसा के गांगल्यावास गांव से मुक्त कराया गया है। उसका साल 2018 में बिहार के जहानाबाद से अपहरण हो गया था जिसके बाद उसके परिजनों ने थाने में आरोपियों को नामजद करते हुए केस भी दर्ज कराया था। लेकिन स्थानीय पुलिस मामले को लेकर परिवारवालों के साथ टाल-मटोल करती रही, जबकि परिजनों ने जो केस दर्ज कराया था। परिवार वालों के मुताबिक, उनकी बेटी का अपहरण एक गैंग ने किया था जो लड़कियों-महिलाओं का सौदा करते हैं, यानी कि मामला महिला तस्करी से जुड़ा था।

बताया जा रहा है कि इन आरोपियों में एक व्यक्ति हिमाचल प्रदेश का था, बाकी सभी बिहार से ही थे। साथ ही इस गैंग में एक महिला भी थी। इसी महिला ने लड़की को अपने जाल में फंसाया और बाद में अपहरण कर पहले नोएडा भेजा, फिर उसके बाद राजस्थान के दौसा में बेच दिया था। 

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घटना के बाद परिवार वाले थाने में चक्कर काटते रहे और अपनी पीड़ा की दुहाई लगाते रहे, लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली। यहां तक कि वे इस संबंध में बिहार डीजीपी से भी मिले और  अपनी बेटी की वापसी की मांग की। लेकिन हर जगह से उन्हें निराशा ही मिली। पुलिस प्रशासन उन्हें कहता था कि तुम्हारी लड़की का प्रेम प्रसंग था, जिसके चलते वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई है।

लेकिन लड़की का भाई इस बात से इंकार करता रहा और मामले में अपनी पूरी ताकत लगा दी और अपने स्तर पर ही कॉल डिटेल और मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करता रहा। कई दिनों तक लगे रहने के बाद लड़की के भाई को पता चला कि उसकी बहन राजस्थान के दौसा जिले में है।

इसके बाद उसने थाने में जाकर पूरे माले की जानकारी दी और पुलिस को दौसा चलने के लिए अनुमति ली। मामले की गंभीरता को समझते हुए बिहार पुलिस ने सूबे की दौसा पुलिस से संपर्क साधा तो पता चला कि लड़की दौसा के गांगल्यावास गांव में है। इसके बाद पुलिस गांव पहुंची और लड़की को अपने कब्जे में ले लिया। भाई ने जैसे ही अपनी बहन को इस हाल में देखा तो वह रो पड़ा। भाई ने कहा मुझे अपने प्रदेश की पुलिस का सहयोग नहीं मिला, लेकिन हर स्तर पर दौसा पुलिस ने मेरी बहुत मदद की। 

इस पर बिहार पुलिस के एसआई का ब्यान भी आया है जिसमें एसआई रंजन कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस महिला को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गई है। लड़की का पहले अपहरण हुआ, उसके बाद उसे कई जगहों पर बेचा गया। जब पुलिस ने उसे दौसा के गांव से अपने कब्ज़े में लिया तो वह दो बच्चों की मां के रूप में सामने आई। साथ ही बताया जा रहा है कि वह लड़की अविवाहित है। पुलिस ने बताया कि लड़की को पांच लाख रुपये में खरीद कर दौसा लाया गया था, साथ ही वह आरोपियों की तलाश कर रही है।

 

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