city star: गरीबों के लिए मसीहा बने वाराणसी के अभिषेक श्रीवास्तव

  • Aditi
  • Saturday | 13th January, 2018
  • local
संक्षेप:

  • मलिन बस्तियों के बच्चों के साथ युवा मनाता है त्योहार
  • गरीबों की मदद और समाज सेवा में खर्च करता है पॉकेट मनी
  • अभिषेक ने शहर में हरियाली के लिए भी चलाई मुहीम

वाराणसी- वर्तमान समय में युवा अपने पॉकेट मनी का प्रयोग मोबाइल, इंटरनेट और कपड़ों पर करते है लेकिन आज NYOOOZ आपको एक ऐसे शख्स की दास्तां बता रहा है जो अपनी पॉकेट मनी का इस्तेमाल खुद के शौक को पूरा करने के बजाय गरीबों की मदद और समाज सेवा में खर्च करता है। इतना ही नहीं ये युवा अपने दोस्तों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है।

वाराणसी का रहने वाला अभिषेक श्रीवास्तव सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है लेकिन इसकी सोच दूसरे युवाओं से बिल्कुल अलग है। जिस उम्र में लोग दोस्तों के साथ मस्ती करना, घूमना पसंद करते है उस उम्र में ये शख्स इन सब के बजाय उन लोगों की मदद को तत्पर है। जिनके बारे में आम क्या खास आदमी भी बड़ी मुश्किल से सोचता होगा लेकिन ये शख्स न केवल समाज के उन पिछले तबके के लोगों के बारे में सोचता है। बल्कि पढ़ाई के बाद बचे समय में अपने पॉकेट मनी से उनकी हर संभव मदद की कोशिश भी करता है। काशी के अभिषेक श्रीवास्तव की उम्र छोटी है लेकिन सपना बड़ा है। 22 साल की उम्र में ये शख्स उस काम को कर रहा है जिसे यदि आप और हम करे तो इस देश से गरीबी शायद दूर हो जाए। अभिषेक ने शुरूआती शिक्षा वाराणसी में ही पूरी की है उसके बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से ग्रेजुएशन पूरा किया।

खुद के और अपने दोस्तों के पॉकेट मनी से आज अभिषेक शहर में समय-समय पर जरुरतमंदों की मदद करता है। कभी उन्हें कम्बल देता है तो कभी उनके जरूरत की चीजों को उनतक पहुंचता है। यहीं नहीं काशी का ये शख्स मलिन बस्तियों के बच्चों के साथ त्योहारों को मनाता है। इनसब के अलावा अभिषेक और उसकी टीम शहर में हरियाली के लिए भी मुहीम चलाई हुई है।

ऐसे आया आइडिया

कॉलेज के दौर में ही दोस्तों के साथ चाय पीने के दौरान अभिषेक ने सड़क किनारे जरुरत मंद शख्स को मदद की गुहार करते दिखा तो अभिषेक ने इनकी मदद की सोची। उसी वक्त अभिषेक ने खुद के पॉकेट मनी को मस्ती पर खर्च करने के बजाय इसकी मदद करने की ठानी और फिर निकल पड़ा मदद की राह पर। आज हाल ये है अभिषेक अपने साथ-साथ ऐसे लोगों की लम्बी लिस्ट बना ली जिससे एक निश्चित पैसे लेकर लोगों की मदद में जुट गया।

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