जमीन से कब्जा हटवाने गए अधिकारियों ने कमरे बंद होकर बचाई जान

संक्षेप:

  • जमीन से कब्जा हटवाने को पहुंचे अधिकारियों हमला
  • आगरा के रहनकला में का मामला
  • इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बरकरार

आगराः जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के अधिकारी जब पहुंचे तो ग्रामीणों के तेवर इतने आक्रामक हो गए कि अधिकारियों की जान जोखिम में पड़ गई। बेकाबू हालात देखकर अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए कमरे में कैद होना पड़ा।

ग्रामीणों की अराजकता का आलम ये था कि कमरे में बंद अधिकारियों की मदद को पहुंची पुलिस फोर्स पर भी पथराव कर दिया। सर्किल के अलावा शहर से पहुंची पुलिस फोर्स ने बामुश्किल काबू पाया। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

मामले के अनुसार एत्मादपुर थाना क्षेत्र के गांव रहनकला में सुखदेवी भदौरिया की छह बीघा जमीन है। कुल जमीन में से सवा बीघा जमीन पर पूरन सिंह और अन्य परिजनों ने लंबे समय से कब्जा किया हुआ है। सुखदेवी ने अपनी जमीन को खाली करवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने सुखदेवी के पक्ष में फैसला सुना दिया।

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शुक्रवार को सुखदेवी की जमीन खाली करवाने के लिए तहसील प्रशासन और छलेसर चौकी इंचार्ज अश्वनी मिश्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पहले तो आरोपित पक्ष से अधिकारियों की कहासुनी हुई। इतनी ही देर में देखते ही देखते आरोपित पक्ष के लोग अधिकारियों पर पथराव करने लगे। हालात बेकाबू होता देख छलेसर चौकी इंचार्ज सहित दो अन्य सिपाही और सुखदेवी का नौकर भाग कर गांव के एक घर के कमरे बंद हो गए।

इतने पर ही आरोपित लोग नहीं माने और कमरे का दरवाजा तोड़ने का प्रयास करने लगे। बिगड़ते हालात देख अधिकारियों ने सर्किल और शहर से पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंचने के लिए कहा। सूचना पर पहुंचे एसपी ग्रामीण, सीओ सहित अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। इधर मामला बिगड़ता देख जमीन खाली करवाने के लिए गई जेसीबी मशीन ड्राइवर लेकर भाग खड़ा हुआ।

फोर्स के गांव पर पहुंचने पर पहले तो आरोपितों ने पथराव किया लेकिन इसके बाद फोर्स की अधिकता देख आरोपितों के तेवर कुछ शांत हुए। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद चौकी इंचार्ज और अन्यों को कमरे से बाहर निकलवाया गया। विवाद के चलते चौकी इंचार्ज के पैर में चोट आ गई। फिलहाल स्थिति तनवापूर्ण है।

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