बंद पड़े घर में मिले तीन शव, पुलिस जांच में जुटी

संक्षेप:

  • बंद पड़े घर में तीन शव मिलने से मचा हडंकंप
  • मां की हत्या के बाद दो बेटियों ने लगाई फांसी
  • दोनों बेटी परीक्षा में फेल होने के बाद, मानसिक संतुलन को बैठी थी

आ्रगरा- मां की हत्या के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाली दोनों युवतियों के शवों का एक साथ अलग-अलग चिताओं पर अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ जलती तीन चिता को देखकर गांव में हर आंख नम नजर आई। हालांकि लोग इस पर मंथन करते रहे कि आखिर ऐसा क्या कारण रहा है कि दोनों बहनों ने जघन्य वारदात को अंजाम दिया। नारखी थानाध्यक्ष के गांव नारखी धौकल की सुबह रविवार को आम दिनों की तरह नहीं थी।

शनिवार देररात तक गांव में पुलिस की मौजूदगी के साथ ग्रामीण एकत्रित रहे तो सुबह होते ही ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित होने लगे। गांव में मातमी सन्नाटा रहा। वेदराम के घर के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के घरों में चूल्हा तक नहीं जला। लोग एकत्रित होकर कई सवालों के जवाब तलाशने का प्रयास करते रहे। उधर, देरशाम गांव में तीन शव एक साथ पहुंचे तो लोगों की आंख नम हो गई।

ममता और रेनू का व्यवहार ग्रामीणों के साथ अच्छा नहीं था लेकिन वेदराम के तीनों पुत्रों का व्यवहार ग्रामीणों के बीच संतोषजनक था। ग्रामीणों ने गांव के बाहर खेत में तीन चिता को एक साथ सजाया। इसमें दो बहनों की चिता पास-पास लगाई गई और उनकी मां की चिता भी युवतियों की चिता के समीप ही लगी। 

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सूत्रों की मानें तो ममता और रेनू ने मां की हत्या और आत्महत्या से पहले अपनी सभी शैक्षिक दस्तावेज, एलबम, पुरानी फोटो आधार कार्ड को नष्ट कर दिया। परिजनों द्वारा खोजबीन के बाद भी ममता और रेनू का कोई भी फोटो परिजनों के हाथ नहीं लग सका।

फिरोजाबाद जिले के नारखी थाना क्षेत्र के गांव नारखी धौकल में शनिवार शाम छह बजे तक सबकुछ सामान्य था, लेकिन शाम करीब सात बजे वेदराम जाटव के मकान से खून रिसता देख और दुर्गंध महसूस होने पर ग्रामीण आशंकित हो गए। मकान का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोला तो मकान के अंदर का मंजर देखकर हर कोई सन्न रह गया।

एक कमरे में विमलेश उर्फ विमला और उनकी दो बेटियों रेनू व ममता के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले। बेटियों के शव फंदे से लटके थे, मां का शव फर्श पर पड़ा था। प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस ने बताया कि दोनों बेटियों ने ही मां की हत्या कर आत्महत्या की है, लेकिन घटना को लेकर ग्रामीणों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। सबके जहन में एक ही सवाल था कि दोनों बेटियों ने इतना खौफनाक कदम क्यों उठाया?

एसएसपी अशोक कुमार ने बताया कि वेदराम जाटव के तीन पुत्र और दो पुत्रियां ममता और रेनू हैं। तीनों पुत्र अलग-अलग रहते हैं। रेनू और ममता अपने माता-पिता के साथ रहती थीं। चर्चा है कि रेनू और ममता एमएससी और बीएससी कर रही थी जो परीक्षा में फेल हो गई थी। इसके चलते दोनों बहनों ने मानसिक संतुलन भी खो दिया था। 

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