शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरु बनने की भारत में पर्याप्त क्षमता

संक्षेप:

  • भारत बन सकता है विश्वगुरु
  • विश्वगुरु बनने के भारत में है पर्याप्त क्षमता
  • नितिन विजय ने कहा भारत के पास है अभूतपूर्व टैलेंट

अलीगढ़- कोरोना वायरस का प्रभाव आज समूचे विश्व पर पड़ रहा है। दुनिया भर के लगभग 190 देश इसकी चपेट में आ चुके है तथा अर्थव्यवस्था बुरी तरह जूझ रही है। इस वायरस की वजह से कितने देशों में लॉकडॉउन और कफ्यू की स्थिति आ गई है। उद्योग जगत, सामाजिक आर्थिक क्षेत्र के साथ एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र इस वायरस से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है वो है उच्च शिक्षा का। मोशन एजुकेशन के एमडी, नितिन विजय ने कोचिंग संस्कृति पर विशेष जोर देने के साथ-साथ कोरोना प्रकोप के बाद शिक्षा क्षेत्र में बदलाव, चुनौतियों और संभावनाओं के बारे में जानकारी दी है।

कोटा में जन्मे नितिन विजय 2003 से जेईई, एनईईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवा प्रतिभाओं को तैयार कर रहे हैं। नितिन ने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरियों का विकल्प छोड़कर फिजिक्स की कोचिंग देकर छात्रों की मदद करना पसंद किया। 

अब तक 2.50 लाख छात्रों ने उनकी फिजिक्स की विशेषज्ञता का लाभ उठाया है। 10 हजार से अधिक ने जेईई, एनईईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाई है। मोशन एजुकेशन, कोटा (राजस्थान) और 40 शहरों में 44 से अधिक फ्रेंचाइजी कार्यालय के साथ नितिन विजय और उनकी टीमें 15 से अधिक वर्षों से हजारों महत्वाकांक्षी इंजीनियरों और डॉक्टरों की सफलता की कहानी लिख रही हैं।

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नितिन विजय भारतीय छात्रों के आईक्यू स्तर और शिक्षा के प्रति उनके जुनून पर गर्व महसूस करते हैं। उनका मानना है कि भारतीय छात्रों के पास बेहतर वैज्ञानिक स्वभाव है और वे प्रत्यक्ष और डिजिटल बुनियादी ढांचे सहित पर्याप्त सहायता प्रदान किए जाने पर रिसर्च और इनोवेशंस के साथ दुनिया को चकित कर सकते हैं। उनके अनुसार, "गुणवत्तापूर्ण संस्थानों के अलावा, हमें शिक्षा के क्षेत्र में भारत को `विश्वगुरु` बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए। इस दायरे में, स्व-निर्मित उद्यमी ने मायबिजकिड 8-16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक अनूठा ऑनलाइन व्यवसाय सीखने का कार्यक्रम तैयार किया है।

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