कासगंज हिंसा के पीछे हो सकती है सियासी साजिश: सिद्धार्थ नाथ सिंह

संक्षेप:

  • कासगंज हिंसा का मामला
  • कासगंज की घटना को साम्प्रदायिक बताना गलत: स्वास्थ्य मंत्री
  • मंत्री ने की भड़काऊ भाषण न देने और शान्ति बनाए रखने की अपील

 

इलाहाबाद: यूपी के कासगंज जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर प्रदेश की योगी सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। सरकार जहां इसे बड़ी हिंसा और अपनी नाकामी मानने को तैयार नहीं है वहीं उसने इस दंगे के पीछे सियासी साजिश होने की आशंका जता रही है।

योगी सरकार के प्रवक्ता और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने साजिश के पीछे नाम लिए बिना समाजवादी पार्टी की तरफ इशारा किया है। उन्होंने कहा है कि कासगंज की घटना को साम्प्रदायिक बताना गलत है। वहां कुछ छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, पुलिस और सरकार जिसे रोकने के लिए कोशिश कर रही है। हालात पूरी तरह काबू में है और इसीलिये वहां कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है।

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स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

सिद्धार्थनाथ के मुताबिक कासगंज की घटना को बढ़ा - चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जबकि वहां न तो साम्प्रदायिक तनाव है और न ही पिछले चौबीस घंटों में बड़ी हिंसा हुई है। उन्होंने कहा है कि जो छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, उसके पीछे सियासी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पहले भी सरकार को बदनाम करने के लिए आलू कांड व शराब कांड करा चुकी है। ऐसे में इसके पीछे सियासी साजिश होने की आशंका की गहराई से जांच कराई जाएगी। उन्होंने बीजेपी सांसद राजवीर सिंह समेत सभी लोगों से भड़काऊ भाषण न देने व शान्ति बनाए रखने की अपील की है।

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि इस मामले में विपक्ष बेवजह की राजनीति कर रहा है। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के यूपी से बाहर ज़्यादा रहने की वजह से घटना होने के आरोप गलत हैं।

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