आज़म खान के घराने को जल्द खाली करना पड़ेगा हमसफर रिज़ॉर्ट, सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध तरीके से बनाया

संक्षेप:

हमसफर रिज़ॉर्ट खाली करने के आदेश

अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया

आज़म खान की पत्नी और बेटों पर लगा जुर्माना

सीतापुर जेल में बंद रामपुर से सपा सांसद और पूर्व मंत्री अजाम खान को योगी सरकार से एक और झटका लगा है... सपा सांसद आजम खां की पत्नी और शहर विधायक तजीन फात्मा और उनके बेटों के रिसॉर्ट में सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है... तहसीलदार की कोर्ट ने हमसफर रिसॉर्ट में स्थित सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के आदेश दे दिए गए हैं... साथ ही रिसॉर्ट स्वामी आजम खां की पत्नी और बेटों से साढ़े पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति वसूलने के आदेश भी दिए हैं...

 

बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पूर्व में जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया था कि हमसफर रिसार्ट में खाद के गड्डों पर कब्जा है, जो कि सरकारी जमीन है.. ये रिसॉर्ट आजम खां की पत्नी और बेटे अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम के नाम है.. मांग की गई थी कि सरकारी जमीन से कब्जे को खाली कराया जाए... इस शिकायत के बाद डीएम ने इस मामले की जांच बैठा दी थी... जांच में आरोप सही पाए जाने पर तहसीलदार सदर की कोर्ट में वाद दायर किया गया था... इस मामले की कुछ दिनों पहले कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी... सरकारी जमीन पर रिसॉर्ट का गेट बना हुआ है... जिसकी चलते कोर्ट ने रिसॉर्ट संचालकों तजीन फात्मा, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अदीब खां से साढ़े पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति वसूलने के भी आदेश दिए हैं...

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आपको बता दें कि आजम खां साल भर से सीतापुर की जेल में बंद हैं... सपा सांसद आजम खां के खिलाफ सौ से ज्यादा मुकदमे हैं... वो पिछले साल भर से सीतापुर की जेल में हैं.. बीते साल बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने सपा सांसद और उनके करीबियों पर जेल में स्थित फांसीघर की जमीन को कब्जाने का आरोप लगाया था... इस मामले में सपा सांसद के बेटे अदीब खां के साथ ही आजम खां की बहन समेत सैतीस लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी....

 

वहीं दूसरी तरफ आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी की लगभग चौदह सौ बीघा जमीन पहले ही सरकारी घोषित हो चुकी है... एडीएम प्रशासन की कोर्ट से इस जारी इस आदेश के बाद सरकारी रिकॉर्ड में यूनिवर्सिटी की चौदह सौ बीघा जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज किया जा चुका है... हालांकि एडीएम कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

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