बरेली: उलेमाओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन, बोले आतिशबाजी हराम

संक्षेप:

  • बरेलवी मसलक का आतिशबाजी को लेकर शरीयत हुक्म
  • `आतिशबाजी बनाना, खरीदना और बेचना नाजायज`
  • मुफ्ती खुर्शीद आलम और मुफ्ती गुलाम मुस्तफा का फतवा

बरेलवी मसलक के उलेमा ने इस बार आतिशबाजी को लेकर शरीयत हुक्म सुनाया है। आतिशबाजी बनाना, खरीदना और उसको बेचने को नाजायज ठहराया है। उलेमा ने एक शख्स के सवाल के बाद फतवा का हवाला देते हुए मुसलमानों को इससे बचने की हिदायत दी है।

दरगाह आला हजरत के मदरसा दारुल इफ्ता मंजरे इस्लाम और अंजुमन शाने इस्लाम की तरीफ से आतिशबाजी पर इस्लाम का पैगाम दिया गया है। बरेलवी उलेमा ने आतिशबाजी को इस्लाम में गलत बताया है। दारुल इफ्ता मंजरे इस्लाम के मुफ्ती सदर मुफ्ती सैय्यद कफील अहमद हाशमी ने बताया कि इस्लाम में आतिशबाजी को लेकर सख्त हिदायत दी गई है। आतिशबाजी को खरीदना और बेचना भी इस्लाम में गुनाह है।

मुफ्ती रिजवान नूरी ने कहा कि आतिशबाजी इस्लाम में सख्त मना है। इसलिए मुसलमानों को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। आतिशबाजी खरीदना, बेचना और उसका इस्तेमाल करने से मुसलमानों को बचना चाहिए। मुफ्ती खुर्शीद आलम और मुफ्ती गुलाम मुस्तफा रजवी का कहना है कि शरीयत के हिसाब से आतिशबाजी से मुसलमान दूरी बनाए रखें। सोशल मीडिया की मदद से इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं कि आतिशबाजी इस्लाम में हराम है।

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