प्रतापगढ़ डीएम ने आश्रय गृहों पर मारा छापा, 15 महिलाएं मिली गायब

संक्षेप:

  • देवरिया कांड के बाद शासन की सख्ती का असर
  • प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी आश्रय गृहों पर मारा छापा
  • छापेमारी के दौरान कई महिलाएं गायब मिली

उत्तर प्रदेश के देवरिया में नारी संरक्षण गृह में सेक्स रैकेट का मामला सामने आने के बाद शासन की सख्ती का असर दिखने लगा है। इस कड़ी में प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी ने बुधवार को दो महिला आश्रय गृहों पर छापेमारी की तो हड़कंप मच गया। इस दौरान कई महिलाएं गायब मिली। फिलहाल, डीएम ने इसके लिए टीम गठित कर दी है और मामले की जांच की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, जिलाधिकारी ने बुधवार को अष्टभुजानगर में जागृति स्वाधार महिला आश्रय ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान संचालिका ने आश्रय में रहने वाली महिलाओं की संख्या 16 बताई थी। मौके पर केवल एक महिला ही मिली। वहीं जब अन्य महिलाओं के बारे में जानकारी मांगी गई तो संचालिका ने जानकारी दी कि सभी काम करने के लिए बाहर गई हैं।

प्रशासन रात तक महिलाओं का इंतजार करता रहा। रात करीब दस बजे एसडीएम सदर एसपी सिंह दलबल के साथ आश्रय पहुंचे। जहां तीन महिलाएं ही मिलीं। वहीं अचलपुर में चल रहे आश्रय गृह में 15 में से सिर्फ तीन महिलाएं रात तक मिलीं। यहां 12 महिलाएं गायब पाईं गईं।

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एडीएम मनोज कुमार ने बताया कि इनके आकस्मिक निरीक्षण के लिए टीमें गठित कर ली गई हैं। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की संयुक्त जांच के लिए संबंधित एसडीएम व बाल विकास परियोजना अधिकारी को नामित किया गया है। जिले में चल रहे बाल-बालिका बाल गृहों पर भी प्रशासन की नजर है। जिलाधिकारी ने संस्था की अधीक्षक नेहा प्रवीन से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि महिलाएं मेहनत-मजदूरी करने बाहर गई हैं, शाम तक आ जाएंगी।

अधीक्षक एकाउंट रजिस्टर भी नहीं दिखा सकीं। काउंसलर साजिदा महिलाओं के भोजन व्यवस्था के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकीं। साथ ही आश्रय गृह में सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। इन कमियों पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की व जांच के लिए समिति बनाने को कहा। यहां से निकले डीएम स्वाधार गृह जागृति अष्टभुजा नगर महिला आश्रय गृह पहुंचे। वहां रजिस्टर में 16 महिलाओं के नाम थे, पर मौके पर केवल एक मिली।

प्रबंधक रमा मिश्रा ने बताया गया कि वह अपने निजी कार्य से बाहर गई हैं। इस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की। कहा कि कौन कहां गया है, इसे रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए। आश्रय गृह में निवास करने वाली नारियों की फोटो रजिस्टर पर चस्पा होनी चाहिए। यहां भी सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। इस पर डीएम ने इसकी जांच भी समिति द्वारा कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार न्यायिक श्रद्धा पांडेय भी रहीं।

जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में दो ऐसी संस्था चलती है जिसका नाम मैक्सन और जागृति संस्था है,  दोनों का औचक निरीश्रण किया था, मैक्सन संस्था में केवल दो महिलाएं उपस्थित थी।  जो महिलाएं रजिस्टर्ड थी ... वो वहां नहीं मिली। वहीं जागृति स्वाधार महिला आश्रय में 16 महिलाओं में से एक ही महिला मिली है। पूछताछ में यह बताया गया कि महिलाएं रोजगार के लिए दिन में काम करने बाहर जाती है,  तो इसकी पुष्टी के लिए टीम को लगाया गया है।

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