नोटबंदी के दौरान जानिए कितने खातों में जमा हुआ कालाधन

संक्षेप:

  • उत्तराखंड के पंद्रह सौ से ज्यादा खातों में जमा हुआ कालाधन
  • खाताधारकों के तीन साल से अधिक के रिटर्न भी खंगाले गए
  • नोटबंदी के दौरान जमा हुए थे इन खातों में कालाधन

देहरादूनः नोटबंदी के दौरान खातों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के रूप में कालाधन जमा करने का आंकड़ा 400 खातों से बढ़कर 1627 हो गया है। 3255 बैंक खातों की जांच में यह बात सामने आई। इनमें से 3245 खातों का ब्योरा सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को भेज दिया गया है। जबकि 10 खातों का ब्योरा भेजा जाना अभी बाकी है। खास बात यह भी कि 90 फीसद कालाधन देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जैसे जनपदों में जमा किया गया।

उत्तराखंड के मुख्य आयकर आयुक्त पीके गुप्ता के मुताबिक नोटबंदी के दौरान खातों में जमा धन पर सीबीडीटी ने उत्तराखंड के 3255 खातों को चिह्नित कर उनकी जांच के निर्देश दिए थे। इन खातों में 414 खाते ऐसे हैं, जिनमें एक करोड़ व इससे अधिक राशि जमा की गई है। जबकि 600 खाते ऐसे हैं, जिनमें 50 लाख व इससे अधिक की राशि जमा कराई गई। इसके अलावा शेष खातों में 2.5 लाख से 50 लाख रुपये के बीच की राशि जमा हुई।

प्रारंभिक जांच में पता चला था कि करीब 400 खातों में कालाधन धन यानी अघोषित आय जमा कराई गई है। जबकि 15 मार्च तक एडवांस टैक्स के रूप में जमा कराई गई राशि से स्पष्ट हो गया कि 1627 खातों में कालाधन जमा कराया गया है। इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए बड़ी संख्या में खाताधारकों के तीन साल से अधिक के रिटर्न भी खंगाले गए। अब ऐसे खाताधारकों पर सर्वे तेज किए जाएंगे। साथ ही इन्वेस्टिगेशन विंग को भी सूचित किया जाएगा, ताकि वह अपने स्तर पर रेड की कार्रवाई भी कर पाएं।

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जिन 414 खातों में एक करोड़ रुपये या इससे अधिक की राशि जमा की गई है, उनमें 375 खाताधारकों ने रिटर्न दाखिल किया है, जबकि 39 खाताधारक ऐसे पाए गए जिनकी रिटर्न अब तक भी दाखिल नहीं की जा सकी है। इन खातों में आयकर विभाग गंभीर वित्तीय गड़बड़ी से जोड़कर देख रहा है। नॉन कॉरपोरेट सेक्टर में रिटर्न दाखिल करने में 16.29 फीसद का इजाफा मुख्य आयकर आयुक्त पीके गुप्ता के मुताबिक अधिकारियों की सक्रियता का असर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की बढ़ी संख्या के रूप में सामने आया गया।

खास बात यह कि नॉन कॉरपोरेट सेक्टर में यह संख्या सबसे तेज बढ़ी है। कॉरपोरेट सेक्टर में जहां रिटर्न दाखिल करने की संख्या 7.5 फीसद बढ़ी है, वहीं नॉन कॉरपोरेट सेक्टर में यह इजाफा 16.29 फीसद है। नोटबंदी के बाद जिस तरह खातों में बड़ी राशि जमा करने पर आयकर विभाग ने नोटिस जारी कर, उनकी कुंडली भी खंगाली, उसकी के चलते यह इजाफा संभव हो पाया।

 

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