IAS अधिकारी का यूपी से हुआ उत्तराखंड ट्रांसफर, जानें कौन हैं राजीव रौतेला

संक्षेप:

  • IAS अधिकारी राजीव रौतेला का फिर हुआ ट्रांसफर
  • उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड किया गया तबादला
  • सीएम योगी के सबसे खास अधिकारी

देहरादूनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास अधिकारी राजीव रौतेला उत्तराखंड आ रहे हैं। रौतेला का अबतक कई विवादों से नाता रहा है। गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में तत्कालीन जिलाधिकारी रहे राजीव रौतेला पर ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी की चेतावनी वाले पत्र की अनदेखी का आरोप लगा था।

यही नहीं, ये वही अधिकारी हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात सिपाहियों पर भी विवादित बयान दिया था। 2013 में अलीगढ़ का डीएम रहते रौतेला पर शहीदों का अपमान करने के आरोप लगे थे। उन्‍होंने कहा था कि जवान शहीद होते हैं तो परिवार वाले विभिन्‍न मांगें रख देते हैं।

रौतेला ने कहा था कि सिपाही का काम देश की रक्षा करना है लेकिन सेना में उसकी केवल 12 साल की सेवा होती है। उसके बाद वह पेंशन लेता है और अगर वह ड्यूटी करते हुए अपने प्राण दे देता है तो गांव और परिवार कहता है कि जब तक नेता नहीं आएंगे, 50 लाख रुपये नहीं मिलेंगे, पेट्रोल पंप नहीं मिलेगा तब तक शव नहीं उठेगा।

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हालांकि, कड़े विरोध के बाद रौतेला ने सफाई जारी की थी।साल 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आइएएस राजीव रौतेला और राकेश कुमार को निलंबित करने का आदेश दिया था। दोनों पर आरोप था कि रामपुर का डीएम रहते हुए उन्‍होंने खनन को बढ़ावा दिया। लेकिन योगी सरकार ने इन्हें नहीं हटाया था।

राजीव 2002 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। उत्तराखंड में अधिकारियों की कमी होने के कारण अलग-अलग जगहों पर तैनात उत्तराखंड कैडर के अधिकारियों को राज्य भेजने के लिए डीओपीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को जल्द निर्णय लेने को कहा था। रौतेला 9 नवंबर, 2000 को उत्‍तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे थे।

                             केंद्र सरकार द्वारा जारी पत्र

इसी पर पत्र जारी करते हुए राजीव रौतेला को उत्तराखंड भेजने का निर्णय लिया गया है। राजीव को अखिलेश सरकार में साइड लाइन किया हुआ था लेकिन, जैसे ही राज्य में बीजेपी की सरकार आई तो उन्हें गोरखपुर का जिलाधिकारी बना दिया गया। लेकिन उसके बाद कई विवादों से उनका नाता रहा।

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद से उन्हें यहां कि डीएम के पद से हटा दिया गया था। गोरखपुर से ट्रांसफर के बाद उन्हें देवीपाटन मंडल का कमिश्नर बनाया गया था। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सोमवार को देवीपाटन मंडल के कमिश्नर राजीव रौतेला को रिलीव करने के आदेश दे दिए हैं।

दरअसल, गोरखपुर उपचुनाव की मतगणना के समय रौतेला ने पत्रकारों के मतगणना केंद्र में घुसने पर रोक लगा दी थी। बाद में चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा था कि चूंकि रौतेला खुद बाहर आकर मीडिया को रुझानों की जानकारी दे रहे हैं, इसलिए पत्रकारों को अंदर आने की जरूरत नहीं है।

राजीव रौतेला का जन्म उत्तराखंड में ही हुआ है। राजीव ने आगरा के सेंट जोंस कॉलेज से शुरुआती शिक्षा ली, जिसके बाद उन्होंने पूरी पढ़ाई इलाहाबाद से की। राजीव रौतेला को तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है। अप्रैल 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद वे जिले की कमान संभाल रहे हैं।

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