पंचायत चुनाव 2021: जिला बदर माफिया सुधीर सिंह का नामाकंन पत्र रद्द, पत्नी का निर्विरोध चुनाव तय

संक्षेप:

  • जिल बदर माफिया सुधीर सिंह का नामाकंन पत्र रद्द
  • सुधीर सिंह पर दर्ज है कई जगहों पर मुकदमें
  • सुधीर सिंह की पत्नी अंजू का निर्विरोध चुना जाना तय

गोरखपुर- गोरखपुर के पिपरौली विकास खंड के वार्ड नंबर-52 अमटौरा से क्षेत्र पंचायत सदस्य की दावेदारी पेश करने वाले जिला बदर माफिया व पिपरौली के निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख सुधीर सिंह का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है। इसकी पुष्टि जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने की है। जिलाधिकारी का कहना है कि माफिया को जिला बदर किया गया है। किसी ने सुधीर के नाम से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। चर्चा के बाद आरओ व एआरओ ने गत मंगलवार को ही नामांकन पत्र निरस्त कर दिया था।   

जानकारी के मुताबिक, माफिया सुधीर सिंह पर दिसंबर 2020 में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद छह महीने के लिए उसे जिला बदर कर दिया गया। शाहपुर इलाके के हड़हवा फाटक चौकी प्रभारी टीम के साथ सुधीर सिंह को सात दिसंबर 2020 को साथ लेकर देवरिया गए और शाम 7.48 बजे देवरिया पुलिस को सुपुर्द करके लौट आए थे। इससे पहले पुलिस की रिपोर्ट पर संपत्ति जब्त करने का आदेश हुआ था मगर माफिया सुधीर की जगह पुलिस ने ट्रांसपोर्टर सुधीर के वाहनों का नंबर दे दिया था। इसके बाद पूरी कार्रवाई ही रुक गई।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया से पहले ही सुधीर सिंह के शहर व ग्रामीण क्षेत्र के आवास भी सील कर दिए गए थे। इसी बीच पंचायत चुनाव का एलान हुआ। निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख का वार्ड नंबर-52 से क्षेत्र पंचायत सदस्य का नामांकन पत्र दाखिल करा दिया गया। अब पर्चा खारिज कर दिया गया है। इस सिलसिले में सुधीर सिंह का पक्ष नहीं मिल सका है। पक्ष मिलने पर प्रकाशित किया जाएगा।

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निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख सुधीर सिंह की पत्नी अंजू सिंह का वार्ड नंबर-45 कालेसर से निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। अंजू के खिलाफ कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं आया है। हालांकि, निर्विरोध चुनाव का एलान व जीत का प्रमाण पत्र दो मई को दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सुधीर को नामांकन पत्र खारिज होने का एहसास पहले से था, इसीलिए दूसरे वार्ड से पत्नी अंजू सिंह को क्षेत्र पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बना दिया। अंजू से मुकाबले के लिए कोई सामने नहीं आया। लिहाजा, निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।

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