भारत-नेपाल बॉर्डर पर सौनोली में 650 करोड़ रुपये की मिली नशीली दवाएं, गुप्ता बंधुओं समेत सामने आया बड़ा सिंडिकेट

संक्षेप:

  • भारत-नेपाल बॉर्डर पर मिली 650 करोड़ की नशीली दवाएं।
  • मामले में हुआ बड़ा सिंडिकेट का पर्दाफाश।
  • काले कारोबार में शामिल हैं गुप्ता भाइयों समेत 17 लोग।

गोरखपुर. नशीली दवाओं के काले कारोबार में शामिल दवा व्यापारी गुप्ता भाइयों आशीष व अमित के गिरोह में 17 लोग शामिल हैं। सभी अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। पांच लोग तो आगरा के दवा माफिया बताए जाते हैं।

दोनों भाइयों का आला अधिकारियों के साथ था उठना-बैठना

आगरा के दवा माफिया से गठजोड़ करके दोनों भाई नशीली दवाओं के काले धंधे में इतने खतरनाक हो गए कि विभाग उन पर हाथ डालने से बचने लगा। सफेदपोश की आड़ में दोनों भाई विभाग के आला अधिकारियों के पास उठना बैठना शुरू कर दिए थे। यही कारण है कि इनका काला धंधा बढ़ता गया, लेकिन शिकंजा नहीं कसा जा सका।

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जांच में सामने आए हैं 17 लोगों के नाम

सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में 17 लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें गुप्ता बंधु और एक तारामंडल का रहने वाला मुकेश मिश्रा का नाम शामिल है। बताया जा रहा कि यही लोग 90 फीसदी फेंसिडिल खपाने का काम करते थे। यही वजह है कि इतनी भारी मात्रा में बिना किसी बिल बाउचर के ये दवाएं ब्लीचिंग पाउडर की आड़ में मंगवाई गई थीं।

पकड़ी गई 650 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं

बताया जा रहा है कि करीब छह माह पहले महाराजगंज के भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित सौनोली में 650 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं पकड़ी गई थीं। इसमें भी भालोटिया के दवा व्यापारियों के नाम सामने आए थे। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ था। लेकिन, भालोटिया के इन्हीं दवा व्यापारियों के मैनेजमेंट की वजह से मामले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई।

15 लाख का सौदा करने के लिए किसने बुलाया, इस पर उठ रहे सवाल

बताया जा रहा है कि जिस दिन गीडा में दो करोड़ रुपये की फेंसिडिल सिरप पकड़ी गई थी, उस दिन गुप्ता बंधु को पकड़ने वाली टीम में शामिल किसी सदस्य ने इनाम के तौर पर अच्छी खासी रकम की मांग की थी। यही कारण है कि पहले गुप्ता बंधु दो लाख रुपये में सौदा सेट करना चाह रहे थे। किसी ने 15 लाख रुपये लेकर आने को कहा, जिस पर दोनों भाइयों ने मुकेश नाम के एक कर्मचारी को भेजा। लेकिन, तब तक मामला मीडिया सहित प्रदेश के आला अधिकारियों तक पहुंच गया था। अब चर्चा यह है कि किसने रुपये लेकर बुलाया था।

नकली दवाओं की बात भी आ रही सामने

बताया जा रहा है कि भालोटिया से नशीली दवाओं के साथ नकली दवाओं का खेल भी चलता है। जिस कांपलेक्स में गुप्ता बंधु की दुकानें हैं, उसी में नकली दवाओं का कारोबार करने वाले एक बड़े व्यापारी की भी दुकानें हैं। यही वजह है कि गुप्ता बंधु के साथ उस व्यापारी का गठजोड़ तगड़ा हो गया है। बताया जाता है कि दोनों व्यापारी नेपाल के तराई के एक बड़े होटल में कैसीनों खेलने जाते हैं। इसके अलावा विभाग के एक कर्मचारी को भी अक्सर घुमाने ले जाते हैं।

लाइसेंस निरस्त करने के लिए भेजा जाएगा नोटिस

सहायक औषधि आयुक्त एजाज अहमद ने बताया कि मामले में गुप्ता बंधु आशीष मेडिकल एजेंसी और आशीष ट्रेडर्स का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इसके लिए दोनों फर्मों को नोटिस जारी किया जाएगा। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों ने अपने कर्मियों के नाम पर भी कई लाइसेंस बनवा रखे हैं।

पुलिस की सुस्ती पर सवाल

एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस दोनों दवा व्यापारी भाइयों को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि, संतकबीरनगर से लेकर गीडा और आगरा तक में इन व्यापारियों के चर्चे हैं। पुलिस की मेहरबानी पर लोग हैरान हैं और तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों भाई शहर में लुकाछिपी का खेल पुलिस की ही मदद से खेल रहे हैं।

यह है मामला

ड्रग विभाग ने सात अगस्त को गीडा थाना क्षेत्र के गुप्ता बंधु के गोदाम से दो करोड़ रुपये की फेंसिडिल कफ सिरप बरामद की थी। मामले में पहले दिन छह लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही संतकबीरनगर जिले में उसी दिन गुप्ता बंधु के खिलाफ भी एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया था। रविवार को गीडा थाना पुलिस ने भी गुप्ता बंधु समेत आगरा के दवा व्यापारी अमित गोयल उर्फ तिलकधारी और उसके भाई अनुज गोयल उर्फ काके के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया गया था।

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