जानिए क्या है नवरात्र में सीएम योगी का पूरा कार्यक्रम, रह सकते हैं इतने दिन
- नवरात्र के दौरान सात दिन गोरखपुर में रह सकते हैं सीएम योगी
- नौ दिनों तक दूध और फल का ही करेंगे सेवन
- जानिए क्या है उनका पूरा कार्यक्रम
गोरखपुर: सीएम और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्र के दौरान सात दिन गोरखपुर में रह सकते हैं। गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना के साथ ही उपवास पर रहते हुए नौ दिनों तक वह दूध और फल का ही सेवन करेंगे।
परंपरा के अनुसार शक्ति उपासना से लेकर विजयदशमी पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाने के लिए गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गोरक्षनाथ मंदिर प्रबंधन के अनुसार महंत योगी आदित्यनाथ नौ अक्टूबर की शाम गोरखनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं।
10 अक्टूबर की शाम पांच बजे गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान के साथ कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद रह सकते हैं। इस कलश यात्रा में मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के अलावा मंदिर के समस्त पुजारी, महंत, वेद पाठी छात्र भी सम्मिलत होंगे। अगले दिन मुख्यमंत्री लखनऊ लौट सकते हैं, लेकिन गोरखनाथ मंदिर में प्रतिपदा से नवमी तक शाम चार से छह बजे तक कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ जारी रहेगा।
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16 अक्टूबर की रात से ही अष्टमी प्रभावी होने के चलते मंदिर की परंपरा के अनुसार शक्ति मंदिर में इसी रात को महानिशा और हवन होगा। इस प्रमुख कार्यक्रम को संपादित कराने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर 16 अक्टूबर की शाम तक गोरखपुर आ सकते हैं। 17 तारीख को भी वह मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। 18 अक्टूबर को महानवमी के पर्व पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 12 बजे से कन्या पूजन एवं कन्या भोज कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। इस आयोजन में गोरक्षपीठाधीश्वर कन्याओं का पांव पखारने, वस्त्र प्रदान करने के साथ अपने हाथों से उन्हें भोजन कराते हैं।
19 अक्टूबर को विजयादशमी पर सुबह 9:25 बजे से मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में श्रीनाथ जी की पूजा अर्चना कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के बाद नाथ संप्रदाय के साधु संत और श्रद्धालु तिलक हाल में गोरक्षपीठाधीश्वर का तिलक करेंगे। तीन बजे कार्यक्रम की समाप्ति के बाद चार बजे भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें परंपरागत वेशभूषा में गोरक्षपीठ के महंत खुली जीप में सवार होकर श्री मानसरोवर मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।
यहां भगवान शिव व अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के बाद वह मानसरोवर रामलीला मैदान जा सकते हैं। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का तिलक और आरती उतारने के बाद वह रावण वध के मंचन में शामिल होकर वापस मंदिर लौट सकते हैं। शाम सात बजे से गोरखनाथ मंदिर में संत, ब्राह्माण एवं निर्धनों के साथ वह सह भोज में शामिल हो सकते हैं। 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री लखनऊ के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।
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