पाकिस्तानी वकील की वजह से समझौता ब्लास्ट केस में टला फैसला, 14 मार्च को अगली सुनवाई

संक्षेप:

  • NIA के पंचकूला कोर्ट ने समझौता ब्लास्ट में फैसला टाल दिया है
  • अब इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी
  • पाकिस्तान के एक वकील ने NIA की अदालत में अर्जी दायर की है

पंचकूला: NIA के पंचकूला कोर्ट ने समझौता ब्लास्ट में फैसला टाल दिया है, अब इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी. दरअसल पाकिस्तान के एक वकील ने NIA की अदालत में अर्जी दायर की है. जिसमें उसने दावा किया है कि उसके पास समझौता ब्लास्ट केस के सबूत हैं. बता दें कि मामला 18 फरवरी 2007 का है. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था. यह ट्रेन दिल्ली से पाकिस्तान जा रही थी.

विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग़ थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नज़दीक हुआ था. विस्फोट से लगी आग में 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे. अगस्त 2014 में इस मामले में आरोपी स्वामी असीमानंद को ज़मानत मिल गई. कोर्ट में जांच एजेंसी एनआईए असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी. उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. उन पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच भारत में कई जगहों पर हुए बम धमाकों को अंजाम देने से संबंधित होने का आरोप था. असीमानंद के खिलाफ मुकदमा उनके इकबालिया बयान के आधार पर बना था लेकिन बाद में वह ये कहते हुए अपने बयान से मुकर गए थे कि उन्होंने वह बयान टॉर्चर किए जाने की वजह से दिया था.

ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ ये मामला पंचकुला की एनआईए कोर्ट में चल रहा है और मामले में अब तक कुल 224 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. अब 11 मार्च को एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट मामले में बड़ा फैसला सुना सकती है.

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