जानिए कौन हैं विक्रम कोठारी, 1987 से 2018 तक का सफर

संक्षेप:

  • विक्रम कोठारी का पूरा सफर,
  • जानिए कैसे बढ़ता गया विक्रम कोठारी का रसूख,
  • कैसे उजागर हुआ काला कारनामा

लखनऊ। करोड़ों के घोटाले में बार बार विक्रम कोठारी का नाम सामने आ रहा है। सीबीआई की रेड के बाद विक्रम कोठारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर विक्रम कोठारी कौन हैं। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है ये विक्रम कोठारी और क्या है उनका रसूख। विक्रम कोठारी का नाता पान पराग समूह से रहा है। पान मसालों का सरताज रहा यह ब्राण्ड गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनसुख भाई कोठरी ने 18 अगस्त 1973 को शुरू किया था। सन् 1983 से 1987 के बीच `पान पराग` विज्ञापन देने वाली सबसे बड़ी कम्पनी बनी। मनसुख भाई के निधन के बाद उनके बेटों दीपक और विक्रम ने बिजनेस को आपस में बांट लिया गया। विक्रम के हिस्से में पेन बनाने वाली कम्पनी रोटोमैक आई। एक समय ऐसा भी था जब कंपनी अपना सुनहरा समय बिता रही थी।

नीरव मोदी के 11400 करोड़ के घोटाले के बाद कानपुर के एक नामी कारोबारी विक्रम कोठारी पर 5000 करोड़ रुपये के गबन के सिलसिले में सीबीआई ने शिकंजा कसा है। सोमवार को सीबीआई ने उनके स्वरूप नगर स्थित बंगले और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की और इसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। आइए जानते हैं, कौन हैं विक्रम कोठारी।

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले विक्रम कोठारी `रोटोमैक ग्लोबल` के सीएमडी हैं। जो स्टेशनरी के व्यापार की नामी कंपनी है। विक्रम कोठरी ने ही साल 1992 में रोटोमैक ब्रांड शुरू किया था, जो भारत में एक नामी ब्रांड बन चुका है। विक्रम कोठारी मशहूर उद्योगपति मनसुख भाई कोठारी के बेटे हैं। जिन्होंने `पान पराग` नाम के गुटखा ब्रांड की शुरुआत की थी। मनसुख भाई के बाद उनके पुत्र विक्रम ने यह काम संभाला। पान पराग की मार्केटिंग के कारण विक्रम कोठारी को कई अवॉर्ड्स मिले,साथ ही कानपुर के गुटखा किंग का टाइटल भी उन्हें पान पराग के कारण ही मिला।

प्रॉपर्टी में विवाद के बाद विक्रम और उनके भाई दीपक कोठारी के बीच बंटवारा हो गया। जिसमें 1973 में बने पान पराग गुटखा को सफलतम ऊंचाईयों तक पहुंचाने के बाद को यह ब्रांड विक्रम कोठारी के भाई दीपक कोठारी के हिस्से में चला गया। जबकि विक्रम कोठारी के हिस्से में स्टेशनरी का व्यापार आ गया। साल 1983 में सामाजिक कार्यों में अहम योगदान के कारण लायन्स क्लब ने गुडविल एंबेसडर बनाया था।

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5000 करोड़ से भी अधिक घोटाले के मामले में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। कोठारी पर कई बैंकों को अरबों का चूना लगाने का आरोप है। पिछले कुछ दिनों से कोठारी के भारत से बाहर भाग जाने की खबरें थीं, लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया था।

सीबीआई ने सोमवार को सुबह उनके बंगले पर छापा मारा है। सुबह से ही सीबीआई के अधिकारी उनसे पूछताछ में जुटे हैं। सीबीआई के आधा दर्जन अधिकारियों ने उनके स्वरूप नगर स्थित संतुष्टि बंगले पर छापा मारा है। उनसे पूछताछ जारी है। रविवार को विक्रम कोठारी को कानपुर में एक निजी शादी समारोह में देखा गया था।

इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी फोटो वायरल होना शुरु हो गई थी। रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर कथित 5000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगा है। उन्होंने कई बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लिया था।

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