कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पकड़े गए 16 फर्जी रेलवे कर्मचारी, मास्टर माइंड हुआ फरार

संक्षेप:

  • कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 16 फर्जी टीटीई पकड़े गए
  • देर रात पुलिस ने किया गिरफ्तार
  • इस गिरोह का मास्टर माइंड हुआ फरार

कानपुर- कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर बुधवार देररात 16 फर्जी रेलवे कर्मचारी पकड़े गए। इनमें अधिकतर चेकिंग स्टाफ है, जो नौ-दस दिनों से यहां काम कर रहे थे। इनके पास रेलवे का फर्जी पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र भी मिला है। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रति व्यक्ति पांच से 15 लाख रुपये तक वसूले गए थे। पकड़े गए 16 में तीन लोग गिरोह में शामिल थे, जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है।

गिरोह के सरगना समेत चार लोग फरार हैं। जीआरपी ने पनकी से एक सरगना की लग्जरी कार भी बरामद की है। बुधवार देररात स्टेशन पर टिकट निरीक्षक सुनील पासवान ने चेकिंग के दौरान प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर दिनेश कुमार गौतम को देखा। गले में पहचान पत्र डालकर यात्रियों का टिकट चेक कर रहा था। सुनील ने उसे रोककर पूछा तो उसने खुद को स्टाफ बताया।

इसके पहले स्टाफ में कभी न दिखने की वजह से संदेह हुआ तो पूछताछ आगे बढ़ी। दिनेश ने बताया कि वह ट्रेनिंग कर रहा है। उसकी तरह कई और लोग भी सेंट्रल स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस पर उससे फोन कर साथियों को बुलाने के लिए कहा गया। दिनेश ने फोन लगाया, लेकिन एक घंटे बाद भी कोई नहीं आया तो सुनील उसे जीआरपी थाने ले आए। जीआरपी की पूछताछ में मामला संगीन निकला।

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इस पर जीआरपी और आरपीएफ की चार टीमें बनाईं गईं, जिन्होंने एक-एक कर 16 लोगों को पकड़ा। इनके पास से रेलवे का फर्जी पहचान पत्र बरामद हुआ। पकड़े गए अनुज प्रताप सिंह और अभिषेक कुमार के पास से नियुक्त पत्र भी मिले, जो जांच में फर्जी निकले। पूरे मामले में सीआईटी स्टेशन से प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम अंशू पांडेय ने रिपोर्ट तलब की है।

जीआरपी और आरपीएफ टीम ने छानबीन की तो पता चला कि कुछ फर्जी कर्मचारी डायरी में ट्रेनों के कोच नंबर नोट करते मिले। पूछताछ में उन लोगों ने बताया कि हर दिन बदल-बदलकर प्लेटफार्म दिए जाते हैं, जिसमें आने वाली ट्रेनों के कोच नंबर नोट करने का काम दिया गया है। बताया कि ड्यूटी रात दस से सुबह छह बजे तक करते हैं।

फर्जी नियुक्ति के बाद टीसी बनाए गए युवक यासिर की तलाश में जब जीआरपी फेथफुलगंज स्थित किराये के मकान पर पहुंची तो वह भागने लगा। जीआरपी से बचने के लिए दो मंजिला मकान से छलांग लगा दी। इससे उसे गंभीर चोटें आईं। उसे इलाज के लिए केपीएम में भर्ती किया गया है। यासिर उन 16 में है, जिनके साथ ठगी हुई है।

इस मामले में एक अन्य आरोपी ननकू नाम का बताया जा रहा है। वह करीब एक महीने से रेलवे के एक टीटीई के घर पर किराये पर रह रहा था। यह टीटीई कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सामने रेलवे बंगले में रहता है। इसकी पत्नी भी रेलवे में ही नौकरी करती है। यूनियन में भी इसका दखल है, जिसकी वजह से इसको सपोर्ट मिलता है।

 

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