IIT कानपुर DRDO के लिए बना रहा 'स्वदेशी' रॉकेट, दुश्मनों को करेगा नेस्तनाबुत

संक्षेप:

  • IIT कानपुर बना रहा है स्वदेशी रॉकेट
  • 80 किलोमीटर दूर तक दुश्मन को नेस्तनाबुत करने में सक्षम
  • DRDO के लिए IIT कानपुर बना रहा है रॉकेट

कानपुर: इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force)की ओर से पाकिस्तान पर किए एयर स्ट्राइक की खुशखबरी के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. कानपुर आईआईटी (IIT Kanpur) देश के लिए एक ऐसा `स्वदेशी` रॉकेट तैयार किया जा रहा है जो दुश्मन के छक्के छुड़ा देगा. बता दें कि इस रॉकेट को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत डीआरडीओ के लिए आईआईटी, कानपुर डिजाइन कर रहा है. जमीन से जमीन पर मार करने वाले इस रॉकेट से भारतीय सेना को और मजबूती मिलेगी.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए आइआइटी कानपुर `122 एमएम एक्सटेंडेड रेंज रॉकेट की तकनीक पर काम कर रहा है. इसका निर्माण अंतिम चरण में है. साथ ही खामियों को दुरुस्त करने के लिए आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) की टीम गठित कर दी गई है. इसके चेयरमैन आइआइटी कानपुर के एयरोस्पेस विभाग के अध्यक्ष प्रो. एके घोष हैं. डीआरडीओ के तहत आने वाले इस रिसर्च विंग ने आइआइटी के साथ मिलकर काम तेज कर दिया है.

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80 किमी दूर तक टारगेट को भेदने में सक्षम

मेक इन इंडिया` के तहत देश में पहली बार स्वदेशी रॉकेट तैयार किया जा रहा है. अभी तक इस तरह के रॉकेट रूस में असेंबल किए जाते थे. इसकी खासियत यह है कि लांचर से लांच होने के बाद यह हवा में 15 किलोमीटर ऊपर तक जाएगा. इससे मारक क्षमता बढ़ेगी और 80 किमी दूर तक जाने में सक्षम होगा.

टारगेट को भेदने की अपार क्षमता

रॉकेट में लक्ष्य भेजने की अपार क्षमता होगी। जीपीएस आधारित प्रणाली नेवीगेशन के माध्यम से यह दुश्मन के खेमे तक जाएगा और उसे नेस्तनाबूद कर देगा. फिलहाल इसकी खामियां को दुरस्त कर परीक्षण की तैयारी की जा रही है. प्रयोगशाला के बाद खुले मैदान में भी इसका परीक्षण किया जाएगा.

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