सर्किट हाउस में राष्ट्रपति ने करीबियों से की मुलाकात, अपने परिचितों से भी मिले

संक्षेप:

  • संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की। 
  • घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों में अवसाद बढ़ने पर चिंता जाहिर की।
  • संघ पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से कानपुर का औद्योगिक विकास कराने की मांग की।

कानपुर- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार शाम को सर्किट हाउस में अपने परिचितों से मिले और उनका हालचाल जाना। संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की। संघ ने घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों में अवसाद बढ़ने पर चिंता जाहिर की। राष्ट्रपति को इसका कारण भी बताया। कहा कि अच्छी पढ़ाई-लिखाई करने के बाद युवा शहर से, प्रदेश से या देश से बाहर चले जाते हैं। बुजुर्ग मां-बाप घर में अकेले रहने की वजह से अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। इसे देखते हुए संघ पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से कानपुर का औद्योगिक विकास कराने की मांग की है।

संघ पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बताया कि कानपुर की मिलें बंद हो गई हैं और रोजगार की कमी है। लिहाजा औद्योगिक विकास बहुत जरूरी है। अगर यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो युवा यहीं रहकर नौकरी करेंगे और अपने मां-बाप के पास रहेंगे। राष्ट्रपति ने संघ के इन विचारों पर सहमति जताते हुए औद्योगिक विकास के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।

इस दौरान संघ पदाधिकारियों ने ब्रह्मावर्त सनातन धर्म मंडल के शताब्दी वर्ष के तहत वीएसएसडी कॉलेज में प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में बताया। राष्ट्रपति कोविंद भी इस कॉलेज से पढ़े हैं। इसलिए उन्हें भी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। अभी कार्यक्रम की तिथि निर्धारित नहीं है। संघ के प्रतिनिधिमंडल में आरएसएस के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्रजीत सिंह, प्रांत संघचालक ज्ञानेंद्र सिंह सचान, विभाग संघचालक श्यामबाबू गुप्त, प्रांत सह कार्यवाह भवानी भीख शामिल रहे।

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वासुदेव जी की आटा चक्की के बाहर अक्सर तख्त पर होती थी बैठक : कोविंद
राष्ट्रपति कानपुर के सिंधी समाज के टूरिस्ट दल के साथ 1998 में लेह-लद्दाख की यात्रा करने गए थे। जिन 52 लोगों के साथ वे गए थे, उनमें से कुछ लोग सर्किट हाउस में राष्ट्रपति से मिले। आनंद राजपाल के साथ गए लोगों से कहा, आओ पहले साथ में फोटो खिंचवाओ। इसके बाद टूर पर साथ गए वासुदेव वासवानी की मृत्यु पर शोक जताया और उनके परिजनों का हालचाल जाना।

राष्ट्रपति ने बताया कि मैं वासुदेव जी की गांधी नगर स्थित आटा चक्की के बाहर तख्त पर अक्सर बैठक होती थी। उनसे उन्हें बहुत मार्गदर्शन मिला है। आनंद की बेटी विधि राजपाल से कहा कि तुम पार्षद बन गईं, अचानक राजनीति में आ गई। मुझे भी कोई उम्मीद नहीं थी कि राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो जाऊंगा। सिंधी समाज ने उन्हें बांके बिहारी की प्रतिमा और भगवान झूलेलाल की तस्वीर दी। उनसे मिलने वालों में सीताराम खत्री, रामदास माखीजा, सरदार जसवंत सिंह भी शामिल रहे।

आओ डॉक्टर बैठो, कैसे हो
हैलट के एसआईसी रहे डॉ. पीएन बाजपेई भी राष्ट्रपति के पुराने परिचित हैं। वह भी उनसे मिलने पहुंचे। उन्हें देखकर राष्ट्रपति ने तुरंत कहा, आओ डॉक्टर बैठो। उन्होंने बताया कि उनसे बहुत स्नेह करते हैं। जब वह सांसद थे, तब से उनके पारिवारिक संबंध हैं। उन्होंने परिवार को बुलाया था लेकिन बच्चों की परीक्षा थी, इसलिए आ नहीं सके। उन्होंने बच्चों और परिवार में सभी सदस्यों का कुशलक्षेम पूछा। 

राष्ट्रपति को भांजे ने दिया अपने बेटे की शादी का न्योता
राष्ट्रपति के भांजे पनकी के शताब्दी नगर निवासी रामशंकर कोविंद भी उनसे मिले। उन्हें अपने बेटे कौशल की 13 दिसंबर को होने वाली शादी का कार्ड दिया। कहा कि बरात जबलपुर जाएगी, आप न जा पाएं तो परिवार में भाभी, बेटे और बेटी को भेज दीजिएगा। राष्ट्रपति बोले, बधाई हो रामशंकर, परिवार से कोई न कोई आएगा। कौशल ने बताया कि शादी का कार्ड दिया और साथ में ठग्गू के लड्डू दिए तो रिटर्न गिफ्ट में राष्ट्रपति भवन की मिठाई भी मिली। 

भोजला में झलकारीबाई की प्रतिमा, पार्क बनाने की मांग
झांसी और जालौन का प्रतिनिधिमंडल भी राष्ट्रपति से मिला। इसमें वीरांगना झलकारी बाई के पैतृक गांव जालौन के भोजला में वीरांगना झलकारी बाई के नाम से पहचान दिलाने की मांग की। नई दिल्ली में कैग के कर्मचारी राहुल कुमार ने राष्ट्रपति से कहा कि इस गांव में कम से कम वीरांगना के नाम पर पार्क विकसित हो, वहां पर उनकी प्रतिमा लगे और उस जगह को पर्यटन स्थल की तरह विकसित किया जाए। इसके अलावा विश्वविद्यालय भी उनके नाम से स्थापित होना चाहिए। जालौन के लक्ष्मीकांत बजाज ने कहा कि कोरी समाज को केंद्र और राज्य सरकार के अलग-अलग निगम और बोर्डों में कोरी जाति के लोगों को उनकी आबादी के हिसाब से समुचित भागीदारी की मांग राष्ट्रपति से की। प्रतिनिधिमंडल में झांसी के मोहनलाल सेंगरिया, जालौन के इंद्रराज गुर्जर भी शामिल रहे।

परौंख से संबंध बताया फिर की पिस्टल के लाइसेंस की मांग
इटावा के जसवंत नगर से आए मटर बीज के कारोबारी भगवानदास ने बताया कि परौंख मेरा भी पैतृक गांव है। पिता कुंवर सेन के साथ राष्ट्रपति के अच्छे संबंध थे। भगवानदास ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि इटावा डीएम कार्यालय में उनके पिस्टल के लाइसेंस की फाइल रुकी है। राष्ट्रपति के स्टाफ को उन्होंने अपनी समस्या भी नोट कराई। 

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