आजम खां पर दर्ज होगा केस ?

संक्षेप:

  • जल निगम में हुई 1300 भर्तियों की जांच जारी
  • एसआईटी ने मांगी आजम खां पर केस चलाने की अनुमति
  • सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद भी घेरे में

सपा सरकार के कार्यकाल में जल निगम में हुई 1300 भर्तियों की जांच कर रही एसआईटी ने पूर्व मंत्री आजम खां, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद और जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसूदानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए योगी सरकार से अनुमति मांगी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसआईटी को मामले की जांच सौंपी गई थी। डीजी एसआईटी आलोक प्रसाद के रिटायर होने से दो दिन पहले एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

दरअसल, जल निगम में हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं है। तत्कालीन नगर विकास मंत्री एवं जल निगम के अध्यक्ष आजम खां ने मानक के विपरीत भर्ती से जुड़ी फाइलों पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इसलिए उनकी भूमिका जांच के घेरे में है और उनके खिलाफ एफआईआर की अनुमित मांगी है। पूर्व मंत्री के अलावा जल निगम के एमडी पीके आसुदानी, ओएसडी मोहम्मद आफाक, चीफ इंजीनियर एके खरे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू करने की अनुमति मांगी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन सचिव नगर विकास एसपी सिंह इस मामले में बच गए हैं, क्योंकि किसी भी फाइल में उनके हस्ताक्षर नहीं मिले हैं। लेकिन एसआईटी ने उनसे पूछताछ की थी। एसआईटी ने 22 जनवरी को पूर्व मंत्री आजम खां के भी बयान दर्ज किए थे। उन्होंने एसआईटी को बताया था कि एमडी आसूदानी ने उनसे धोखे से हस्ताक्षर करवा लिए थे। सपा सरकार ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जल निगम में आनन-फानन में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक व 32 आशुलिपिक के पदों पर भर्तियां की थीं।

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मेरठ में 59000 फर्जी राशन कार्ड

एसआईटी ने मेरठ के कई सौ करोड़ के राशन कार्ड घोटाले में भी तत्कालीन डीएसओ और सप्लाई विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है। जांच में मेरठ में 59,000 राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। राशन कार्ड बनाने और उनके सत्यापन में कई बड़े अधिकारियों की लापरवाही व संलिप्तता सामने आ रही है। पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई थी।

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