बाहुबली MLA मुख्तार अंसारी की पत्नी और दोनों बेटे अब नहीं जा पाएंगे बाहर, कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

संक्षेप:

कोर्ट की शर्तों में मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास और उमर समेत पत्नी को कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और दो जमानतदारों के आधार पर अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मुख्तार के दोनों बेटे विदेश यात्रा पर नही जा सकेंगे। उन्हें अपने पासपोर्ट को  पुलिस अधीक्षक के पास जमा करवाना होगा।

मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनका परिवार पिछले कुछ समय से लगातार मुश्किलों में घिरा है. ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद मुख्तार अंसारी की पत्नी और दोनों बेटों ने सोमवार को अपने पासपोर्ट गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश सिंह के यहां जमा कर दिए।

इस प्रकरण की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर की मौजूदगी में तीनों आरोपी वकील के साथ हाईकोर्ट के आदेश पर पासपोर्ट सरेंडर करने पहुंचे थे। सांसद अफजाल अंसारी के साथ मुख्तार की पत्नी व दोनों बेटे पहुंचे थे। सभी ने केस चलने तक देश से बाहर न जाने की बात कही। सोमवार को देर शाम मुख्तार के बेटों और पत्नी के जिला मुख्यालय पर आने की चर्चा चारो तरफ होती रही।

पुलिस अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि शहर कोतवाली में मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों पर गजल होटल के निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के मामले में अलग-अलग मुकदमा दर्ज हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को अंतरिम जमानत देते हुए नौ फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। जमानत के दौरान कोर्ट ने कुछ शर्ते लगाई थी। इसमें पासपोर्ट को पुलिस अधीक्षक के सामने विवेचक के पास जमा कराना था।

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इसी क्रम में सांसद अफजाल अंसारी ने मुलाकात के लिए सोमवार को समय मांगा था। मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शां अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने अपने-अपने पासपोर्ट जमा कर दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी को होनी है।

कोर्ट की शर्तों में मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास और उमर समेत पत्नी को कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और दो जमानतदारों के आधार पर अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मुख्तार के दोनों बेटे विदेश यात्रा पर नही जा सकेंगे। उन्हें अपने पासपोर्ट को  पुलिस अधीक्षक के पास जमा करवाना होगा।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दोनों गजल होटल के जमीन से जुड़े किसी भी गवाह को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर अब्बास और उमर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो ऐसे में विवेचना अधिकारी दोनों की अग्रिम जमानत को रद्द करने की अर्जी दे सकते हैं।

आपको बता दें कि इस मामले में अब्बास और उमर की अग्रिम बेल याचिकाएं गाजीपुर एडीजे कोर्ट में सुनवाई के साथ ही रद्द कर दी गई थीं। उसके बाद अंसारी परिवार ने इस मामले में अंतरिम राहत के लिए हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी। मुख्तार के दोनों बेटों को एक साथ 27 जनवरी को जबकि उनकी पत्नी को एक दिन बाद 28 को अंतरिम जमानत मिली थी। जमानत के बाद तीनों आरोपियों को अपने पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया था।

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