मेरठ: लोगों ने किया पलायन करने का ऐलान, तो BJP MLA ने की ये मांग

संक्षेप:

  • मेरठ के कई परिवारों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का लगाया आरोप
  • अपने घरों के बाहर पलायन और मकान बिकाऊ के बैनर लगा दिए हैं
  • बीजेपी विधायक डॉ. सोमेंद्र तोमर ने की हमलावरों की गिरफ्तारी करने की मांग

मेरठ के लिसाड़ी गांव के कई परिवारों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पलायन करने का ऐलान किया है। लोगों ने बाकायदा अपने घरों के बाहर पलायन और मकान बिकाऊ के बैनर लगा दिए हैं। पलायन की बात से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार को गांव पहुंचे बीजेपी विधायक डॉ. सोमेंद्र तोमर ने पीड़ित दुकानदार जॉनी और ग्रामीणों से बात की। विधायक ने कहा कि आरोपी पक्ष खुद को बचाने के लिए ये सब करा रहा है। उन्होंने इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी से दुकानदार के हमलावरों की गिरफ्तारी करने की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक, मेरठ में गांव लिसाड़ी में दो सम्प्रदाय के लोगों के बीच 21 जून को बाइक की टक्कर को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें पुलिस ने एक पक्ष के दो लोगों पर कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया और दूसरे पक्ष को थाने से ही छोड़ दिया। पुलिस की इस एक तरफ़ा कार्रवाई से परेशान दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने घरों के बाहर " ये मकान बिकाऊ है, यहां छोटी छोटी बातों पर साम्प्रदायिक विवाद बनते है, के पोस्टर चस्पा कर दिया, और गांव लिसाड़ी के करीब 100 से अधिक घरों ने भी गांव से पलायन करने का फैसला कर लिया है।

इन लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है या तो वो उनके यह मकान खरीद लें या दूसरे संप्रदाय के लोग उनके मकान खरीद लें ताकि यह लोग कहीं और जाकर शांति से रह सकें। आपको कैराना पलायन तो याद ही होगा जहां कुछ लोगों ने गांव से पलायन किया था और ये खबर हर जगह प्रमुखता से फैली, इस बार मेरठ में यही हालत बनाए गए हैं। इस बार पीड़ित मुस्लिम समाज के लोग हैं, पुलिस की ये एक तरफा कार्येशेली सवालों के घेरे में हैं। वजह जो भी हो लेकिन गांव के 100 से ज़्यादा परिवारों के लिए ये पलायन करने का फैसला करना इतना आसान नहीं है, आखिर क्या वजह है कि ये लोग अपने बसे बसाए घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं।

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