क्रिकेटर बनकर इस शख्स ने किया पापा का सपना पूरा

संक्षेप:

  • सिद्दार्थ ने बनाई राष्ट्रीय स्तर क्रिकेट खेलकर अपनी जगह
  • सिद्दार्थ का सपना भारतीय क्रिकेट टीम में जाने का
  • अंडर 19 और अंडर 23 में की चैम्पियंस ट्राफी अपने नाम

वाराणसी- अपने पापा के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए काशी के सिद्दार्थ ने क्रिकेटर बनने की चाह में गली और सड़कों में अपने बल्ले से छक्का और चौका लगाने वाला ये शख्स आज राज्य स्तरीय सहित कई राष्ट्रीय स्तर तक की क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई। सिद्दार्थ का सपना है की वो भी एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाये देश के लिए क्रिकेट मैच के मैदान में सामने वाली टीम के छक्के छुड़ाए अपनी इसी ख़्वाब को पूरा करने के सिद्दार्थ हर दिन क्रिकेट की पीच पर अपना पसीना बहा रहे है।

सिद्धार्थ दास वाराणसी के कैंटोमेंट क्षेत्र के रहने वाले है और बनारस के ही सेंट मेरिज कान्वेंट स्कुल से अपनी इंटर तक की शिक्षा ली। स्कूल के समय से ही सिद्धार्थ क्रिकेट के शौकीन थे और उनके पिता का भी सपना था की उनका बेटा बड़ा क्रिकेटर बने। अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए सिद्धार्थ हर दिन मेहनत करता रहा। इंटर तक की पढ़ाई पूरी होते होते सिद्धार्थ का सलेक्शन स्पोर्ट्स हॉस्टल ग्रीन पार्क कानपुर में हो गया। जिसके बाद सिद्धार्थ चार सालों तक वहां रहे। सिद्दार्थ दास शानदार बैट्समैन है और भारतीय क्रिकेट टीम के सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते है। आइये उन्हीं से जानते है उनके इस सफर के बारे में...

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सवाल- आपने क्रिकेटर बनने की कैसे सोची ?

देखिये मुझे बचपन से क्रिकेट का शौक तो था ही साथ ही मेरे पिताजी का सपना भी था की मै क्रिकेटर बनू। अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए मै अपने कदम को आगे बढ़ाता गया और क्रिकेटर बन गया हालांकि मेरा सपना है की एक दिन में भारतीय टीम का हिस्सा बनू हो देश के लिए खेलु। देखिये मैंने 2010 से 2012 तक अंडर 19 में खेला है और 2014 और 2015 में अंडर 23 में खेला है और दोनों चैम्पियंस ट्राफी में हमारी टीम ने जीत हासिल की है।

सवाल - अक्सर इस तरह की बाते आती है की सरकार खिलाड़ियों की उपेक्षा करते है ?

देखिये इस तरह की बातें जो आती है वो बिलकुल सही। आज भी भारत के युवाओं में खूब टैलेंट है लेकिन सराकर इन टैलेंट को छोड़ उचि पहुंच रखने वालो को तब्बजों देती है इसके साथ ही सुविधाओं के अभाव में भी भारतीय खिलाड़ी अपने भविष्य को नहीं निखार पा रहे है।

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आज मै बीएस युवाओ से यही कहूंगा की अगर आज युवा कुछ भी ठान ले तो उसे पूरा कर सकता है बस जरूरत है हिम्मत बनाये रखने की और मेहनत को लगातार जारी रखने की।

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