एथलेटिक्स खिलाड़ी निलू मिश्रा ने सुविधा और सम्मान न मिलने को लेकर जाहिर की नाराजगी

संक्षेप:

  • नीलू मिश्रा ने दो गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीतकर किया देश का नाम
  • सुविधा और सम्मान न मिलने को लेकर जाहिर की नाराजगी
  • बनारस में स्वच्छता अभियान की दूत और मतदाता जागरूकता की ब्रांड अम्बेसडर है निलू

वाराणसी: एथलेटिक्स खिलाड़ी नीलू मिश्रा ने मलेशिया में आयोजित एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स में दो गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीतकर एक बार फिर देश और बनारस का नाम रोशन किया है।

नीलू जब से शहर वापस आई है, उनके स्वागत में तमाम सम्मान समारोह हो रहे हैं लेकिन नीलू मिश्रा प्रदेश सरकार की तरफ से मास्टर्स खिलाड़ियों को सुविधा और सम्मान न मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। नीलू मिश्रा  का कहना है कि उत्तर प्रदेश से ज्यादा अन्य प्रदेशों में खिलाड़ियों को सम्मान और सुविधाएं मिलती हैं।

अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 57 मेडल जीतने वाली नीलू मिश्रा बनारस में स्वच्छता अभियान की दूत और मतदाता जागरूकता की ब्रांड अम्बेसडर है। अपने एक सम्मान समारोह में पहुंची नीलू मिश्रा ने मीडिया से बात करते कहा कि इस बार एशिया पैसेफिक मास्टर गेम्स में मैंने पार्टिसिपेट किया, इस गेम में इंडिया के तरफ से लगभग 300 खिलाड़ी गए थें इनमें से आधी महिलाएं थी जो एक नया बदलाव है और पूर्वांचल में कम देखने को मिलता है।

ये भी पढ़े : मुजफ्फरनगर: 26 फरवरी से होगा डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट लीग का आयोजन


उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं जब बात आती है राष्ट्रीय स्तर पर बाकी राज्यों से तुलना करने की तो यूपी और बिहार को थोड़ा सा काम आंका जाता है और उस कम आंकने में मुझे जो सबसे बड़ी सफलता मिली है महिला टीम के कप्तान बनाया गया।

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की बात करें तो यहां महिलाओं को लेकर अलग तरीके की धारणा होती है, जिसके चलते महिलाएं अपने फील्ड में आगे नहीं आ पाती। साथी सरकार को भी थोड़ी सी पहल करनी चाहिए। हरियाणा और उड़ीसा में महिला खिलाड़ियों को सरकार ने सम्मान दिया अगर प्रदेश सरकार थोड़ी सी जागरूक हो जाए तो हम महिलाओं के टैलेंट को बाहर ला सकते हैं।

नीलू मिश्रा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकार में हमने मास्टर एथलीट को सुविधा देने की बात मांग की थी लेकिन खेल निदेशालय ने यह बात कह कर मना कर दिया कि जब हम बच्चों को नहीं दे पा रहे तो बुजुर्गों को क्या देंगे। अगर हम खिलाड़ियों को सुविधा देते हैं तो हमारा स्वास्थ्य बजट भी कम होगा जो हम पैसे दवा पर खर्च करते हैं वह बचेंगे। जनता को फिट रखने के लिए काम करना चाहिए। मेरा यह कहना है कि सीनियर प्लेयर को भी वही सुविधा मिले जो यंग खिलाड़ियों को मिलती है।

उन्होंने कहा कि मुझे यह बात कहते हुए बहुत शर्म आती है कि अगल-बगल के छोटे राज्यों में जो खिलाड़ियों को सुविधा मिलती है, वह उत्तर प्रदेश में नहीं मिलती। मैं हूं खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत करती हूं और मेडल लाती हूं जिनको उनके राज्य में ज्यादा सम्मान और सुविधा मिलती है। यह मनोबल गिरने का सबसे बड़ा कारण होता है अगर सरकार सपोर्ट करें तो नीलू मिश्रा जैसे कई खिलाड़ी सामने आ सकती हैं जो देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी रोशन करेगी। जब यंग खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतता है तो उसके लिए जिस तरह से राष्ट्र धुन बजती है उसी प्रकार मास्टर्स खिलाड़ियों के लिए भी राष्ट्र धुन बजती है तो ऐसा भेदभाव नहीं होना चाहिए। 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।