बकरीद 2018: बनारस में लोगों ने की नमाज अदा, दी एक-दूसरे को बधाई
- देशभर में बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा है
- बकरीद को अरबी में `ईद-उल-जुहा` कहते हैं
- इस पर्व पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए
`बकरीद` या `ईद-उल-जुहा` आज देश भर में धार्मिक आस्था और खुशी के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर सभी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए लाखों मुस्लिम लोग एकत्र हो रहे हैं। नमाज अदा करने के बाद बकरों की कुर्बानी दे कर प्रसाद बांटा जायेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा ‘ईद-उल-जुहा के अवसर पर सभी देशवासियों विशेषकर हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। इस विशेष दिन हम त्याग और बलिदान की भावना के प्रति अपना आदर व्यक्त करते हैं। आइए, अपने समावेशी समाज में एकता और भाइचारे के लिए मिलकर काम करें।‘
--
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 22, 2018
,
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिये दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लोगों को बकरीद की शुभकामनाएं दी हैं।
Best wishes on Id-ul-Zuha. May this day deepen the spirit of compassion and brotherhood in our society.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2018
ये भी पढ़े : श्रीकेदारनाथ के कपाटोद्घाटन की तिथि व समय हुई तय, 6 मई को सुबह ठीक इतने बजे खुलेंगे कपाट
बकरीद को अरबी में `ईद-उल-जुहा` कहते हैं। यूपी-एमपी-बिहार राज्यों में आज ईद के पर्व पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राजधानी लखनऊ, बनारस, कानपुर, इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, झांसी और आगरा में लोगों ने सुबह ही बकरीद की नमाज अदा की और एक-दूसरे को बधाई दी। आपको बता दें कि ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के की याद में मनाया जाता है। यह पर्व ईश्वर के प्रति विश्वास और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन बकरों की या अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है, जो कि अल्लाह द्वारा मुसलमानों के लिए वाजिब माना गया है। इस्लाम में कुर्बानी देने के पीछे एक कहानी है जिसमें अल्लाह ने अपने बेटे हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को उसकी सबसे अजीज चीज कुर्बान करने का आदेश दिया था।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।