BHU-हॉस्पिटल की पहल, बायो-वेस्ट से बनेगा कम्पोस्ट खाद

संक्षेप:

  • अस्पतालों से निकलने वाले बायो-वेस्ट से BHU तैयार करेगा कम्पोस्ट खाद
  • रोजाना तैयार 300 किलो बायोवेस्ट से कम्पोस्ट खाद्य तैयार होगी
  • कृषि विज्ञान संस्थान के खेतों में खाद का किया जाएगा इस्तेमाल

वाराणसी- अस्पतालों से निकलने वाले बायोवेस्ट किसी मुसीबत से कम नहीं होते। शहर के लगभग सभी अस्पतालों में तमाम कयासों के बाद भी बायोवेस्ट के निस्तारण के समुचित व्यवस्था नहीं कर पाई है।

सरकार ने इसके लिए कई योजनायें बनाई लेकिन जमीन पर कोई भी योजना दौड़ न पाई, लेकिन अब बीएचयू ने इस आफत से निपटने के लिए पूरी रणनीति बना ली है। बीएचयू अपने अस्पताल से निकलने वाले बायोवेस्ट से अब कम्पोस्ट खाद तैयार करेगी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में जल्द ही प्रबंधन कम्पोस्ट बनाने वाली मशीन लगाई जाएगी। जिसकी मदद से प्रतिदिन अस्पताल से निकलने वाले 300 किलो बायोवेस्ट से कम्पोस्ट खाद्य तैयार होगी।

इसके लिए कंपनी के अधिकारियों के साथ पहले चरण की बैठक भी हो गई है। इस मशीन से तैयार होने वाले कम्पोस्ट खाद का उपयोग विश्वविद्यालय के बॉटनिकल गार्डेन के अलावा कृषि विज्ञान संस्थान के खेतों में किया जाएगा।

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कचरे से प्लास्टिक को अलग कर यह मशीन उसे संक्रमण मुक्त करेगी। साथ ही उसे भूसे में बदल देगी, जिसे प्लास्टिक बनाने वाली कंपनियों को बेच दिया जाएगा। बॉयोवेस्ट मैनेजमेंट के लिए लगने वाली मशीन से जहां कचरे का प्रबंधन होगा, वहीं इससे अस्पताल को मुनाफा भी होगा।

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओपी उपाध्याय ने बताया कि अस्पताल बॉयोवेस्ट मैनेजमेंट में आत्मनिर्भर बनने की तैयारी कर रहा है। अस्पताल से रोजाना करीब तीन सौ किलो बॉयोवेस्ट निकलता है, जिसके निस्तारण के लिए अस्पताल को सालाना 50 से 60 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कचरा निस्तारण मशीन करीब डेढ़ सौ वर्ग फुट में स्थापित हो जाएगी।

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