वाराणसी- दलाई लामा संग देशभर के कुलपतियों ने की उच्च शिक्षा नीति पर चर्चा

संक्षेप:

  • विश्व शान्ति के दूत परमपावन दलाई लामा से सीधा संवाद किया
  • कुलपतियों ने दलाई लामा के साथ नई और उच्च शिक्षा निति को लेकर चर्चा की
  • जो निष्कर्ष आएगा उसे लिपिबद्ध कर एचआरडी मंत्रालय को भेजा जायेगा

वाराणसी के सारनाथ स्तिथ केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थान में चल रहे 3 दिवसीय भारतीय विश्विद्यालय संघ के 92 वें अधिवेशन के दूसरा दिन सम्मलेन से देशभर के विभिन्न विश्विद्यालयों से कुलपतियों से आज पहले सेशन में विश्व शान्ति के दूत परमपावन दलाई लामा से सीधा संवाद किया। 

सम्मेलन में आए कुलपतियों ने दलाई लामा के साथ नई और उच्च शिक्षा निति को लेकर चर्चा की।  कल अधिवेशन की समाप्ति के बाद, आधुनिक शिक्षा निति को व्यवहार में लाने के लिए जो निष्कर्ष आएगा उसे लिपिबद्ध कर एचआरडी मंत्रालय को भेजा जायेगा। इस अधिवेशन के दूसरे दिन के सेशन के बारे में बात करते हुए भारतीय विश्विद्यालय संघ के अध्यक्ष  प्रो डॉ पीबी शर्मा ने बताया कि अभी तक अधिवेशन में जो बात उभरकर सामने आयी हैं कि हमे शिक्षा को मानव मूल्यों के साथ जोड़ना होगा।  तभी एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण होगा जिससे हमारे देशवासियों के चेहरे पर ख़ुशी होगी। इस वार्षिक  उत्सव का मुख्य उद्देश्य था की वो कौन सी सेक्युलर एथिक्स हैं जिनको केवल हम नहीं पूरी दुनिया के विश्विद्यालय स्वीकार कर अपनी शिक्षा पद्धति से जोड़ सकें।  

सम्मलेन के दूसरे विषय जिसपर गहन चर्चा हुई उसके बारे में प्रो. पीबी शर्मा ने बताया कि आज के समय में विज्ञान और तकनीक के बढ़ते हुए प्रभाव के चलते आजकल जो 90 प्रतिशत इंसान वो मशीन इंटेलिजेंस के द्वारा किया जा सकेगा। ऐसे भयावह समय में हम साइंस और तकनीक के सदुपयोग पर कैसे पहल करें कि इंसान पूरी तरह से कर्तव्यनिष्ठा के साथ कर्म को कर सकें। जिससे मानव मात्र का भला हो सके।  वहीं आज परमपवान दलाई लामा का कुलपतियों के साथ संवाद के बारे में प्रोफ्रेसर ने बताया कि सेक्युलर एथिक्स को लेकर कुलपतियों के साथ परमपवान ने चर्चा की।  प्रों पीबि शर्मा ने बताया की इस सत्र में नई शिक्षा निति को लेकर जो आवश्यकता हैं। उसे हम भारत सरकार से गुजारिश करेंगे कि इसके लिए ह्मने पहले भी कश्तूरी रंजन शाह की कमिटी से पत्र दिया था।

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