वाराणसीः रंगभरी एकादशी की तैयारियों में जुटे भक्त, जानिए क्यों खास है यह दिन

संक्षेप:

  • महाशिवरात्रि से ठीक 14वें दिन होता रंगोत्सव
  • इस बार 26 फरवरी को मनाया जाएगा उत्सव
  • भोले बाबा दूल्हा बनकर गौरा का लाएंगे गौना

वाराणसीः महाशिवरात्रि से ठीक 14वें दिन 26 फरवरी को बाबा विश्वनाथ की नगरी अनूठे रंगोत्सव की साक्षी बनेगी। मौका होगा बाबा विश्वनाथ के गौने का। बाबा की डोली उठने के साथ ही बाबा विश्वनाथ की गली अबीर-गुलाल की बौछार से सराबोर हो जाएगी। इसी के साथ ही पांच दिनी होलाष्टक शुरू होने से काशी में होली आरंभ हो जाएगी। दरअसल, पुराणों में ऐसा वर्णन मिलता है कि यही वह दिन है।

जब बाबा विश्वनाथ माता पार्वती से विवाह के बाद पहली बार काशी आए थे और रंगभरी एकादशी, फाल्गुन शुक्ल पक्ष पर आने वाले इस दिन का विशेष महत्व है। इस साल रंगभरी एकादशी 26 फरवरी 2018 को मनाई जा रही है। रंगभरी एकादशी वैसे तो परंपरागत तरीके से पूरे देश में मनाई जाती है, लेकिन इसका सर्वाधिक उत्साह काशी में ही देखने मिलता है।  रंगभरी एकादशी पर काशीवासियों के आराध्य दूल्हे के रूप में सजकर मां गौरा को गौने पर लाएंगे।

गौने में काशीपुराधिपति और मां गौरा के साथ होली खेलने के बाद काशी में फगुनहट का रंग और भी चटख हो जाता है। रंगभरी एकादशी पर होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों की तैयारियां महंत आवास पर शुरू हो चुकी हैं। गौने के बाद होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कलाकारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। महाशिवरात्रि से ठीक 14वें दिन पूरे हषोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाएगा।

ये भी पढ़े : श्रीकेदारनाथ के कपाटोद्घाटन की तिथि व समय हुई तय, 6 मई को सुबह ठीक इतने बजे खुलेंगे कपाट


अबीर-गुलाल, ढोल-नगाड़े ,डमरू की थाप और शंखनाद से पूरा रेडजोन परिसर गूंज उठता है। विश्वनाथ मंदिर परिसर की गलियां पूरी तरह से अबीर-गुलाल से पट जाती हैं। बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग काशी पहुंचते हैं। बता दें कि  महंत के आवास पर गौने की रस्म अदा की जाती है। वहीं इस दौरान काशी पुराधिपति, मां पार्वती संग भगवान प्रथमेश की रजत प्रतिमा का महंत आवास पर दर्शन पूजन होता है। संध्या में रजत पालकी पर विराजमान महंत आवास से यात्रा मंदिर के लिए निकलती है। गर्भगृह तक निकलने वाली यात्रा के गवाह हजारों भक्त होते हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।