वाराणसीः प्राइवेट डॉक्टरों ने खड़ी की आफत, सरकारी ने दी राहत

संक्षेप:

  • नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर
  • डॉक्टरों के हड़ताल की घोषणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की
  • डॉक्टरों की इस हड़ताल में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर शामिल हैं

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों के हड़ताल की घोषणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की है। एसोसिएशन के आह्वाहन के बाद डॉक्टर आज ओपीडी सेवाओं को बाधित कर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर शामिल हैं।  वाराणसी में भी डॉक्टरों की हड़ताल है। डॉक्टरों के हड़ताल के कारण मरीजों के लिए आज का दिन आफत भरा है। लेकिन वाराणसी में सरकारी डॉक्टर खुद को इस हड़ताल से दूर रखे हुए हैं।  वाराणसी के सभी प्राइवेट नर्सिंग होम में आज डॉक्टर हड़ताल पर है लेकिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुरदरलाल चिकित्सालय , शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल और दिलदयाल उपाध्यय राजकीय अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर अपने काम पर हैं। 


सरकारी डॉक्टरों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन का बिल ला रही है। लेकिन डॉक्टर्स इस बिल का विरोध कर रहे हैं और इस कानून को काला कानून बता रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि ये बिल डॉक्टरों और मरीजों के हित में नहीं है और इस से मेडिकल लाइन लाइन की गुणवत्ता में गिरावट आएगी और इलाज मंहगा हो जायेगा। इतना ही नहीं, जो डॉक्टर विदेश से पढ़ाई करके आया है, उसे इंडिया में काम करने के लिए एक टेस्ट देना होता है। जिससे उसकी क़ाबलियत परखी जायेगी। सरकार उस टेस्ट को खत्म कर देंगी ,जो गलत है। इस बिल में ये भी रखा गया है कि कोई भी आयुर्वेदिक या होमोयोपेथित डॉक्टर 6 महीने का ब्रिज कोर्स करके कोई भी मॉर्डन दावा लिख सकता है।  

 

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