वाराणसी में देश का पहला 'फ्रेट विलेज'

संक्षेप:

  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने दी मंजूरी
  • रामनगर में होगा मल्टी मॉडल टर्मिनल
  • अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रवीण कुमार पांडेय ने दी जानकारी

 

वाराणसी- इनलैंड वॉटर हाईवे-वन के प्रमुख सेंटर बनारस में देश के पहले फ्रेट विलेज को केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने मंजूरी दे दी है। 3000 करोड़ की लागत से बनने वाला ये फ्रेट विलेज वाराणसी के रामनगर में निर्माणाधीन मल्टी मॉडल टर्मिनल को केंद्र में रखकर बनाया जाएगा। इसके साथ ही 1400 करोड़ से गंगा चैनल बनाने का काम नए साल में शुरू हो जाएगा। 2019 में बनारस से हल्दिया तक 2000 टन तक के मालवाहक जहाज नियमित चलने लगेंगे।

यह जानकारी सोमवार को बनारस में इनलैंड वॉटर वेज अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रवीण कुमार पांडेय ने दी। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्ट गंगा वॉटर ट्रांसर्पोटेशन में चल रहे कामों की समीक्षा के लिए तीन दिन के दौरे पर बनारस आए वाइस चेयरमैन ने स्थानीय प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। इसके साथ ही उन्होंने बनारस टर्मिनल का निर्माण कार्य भी देखा।

अथॉरिटी के वीसी ने बताया कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने से बनारस टर्मिनल का विस्तार फ्रेट विलेज के रूप में करने के लिए डिटेल्ड प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही इसके लिए एक एसपीवी भी बनाया जाएगा जिसमें आईडब्ल्यूएआई के अलावा डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर कॉर्पोरेशन और यूपी सरकार की हिस्सेदारी होगी। जहाजरानी मंत्रालय से स्वीकृत यह स्पेशल पर्पज व्हीकल इस प्रॉजेक्ट से संबंधित सभी कामों का संचालन करेगा।

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एक ही जगह मिलेंगी सभी सुविधाएं
100 एकड़ एरिया में प्रस्तावित फ्रेट विलेज में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग-रैपिंग, कार्गो स्टोरेज, रोड ट्रांसपोर्ट सर्विस के अलावा शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होगी। फ्रेट विलेज के आकार लेने पर गंगा पार एक नए शहर बसेगा तो हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। 100 में 60 एकड़ जमीन बनारस और चंदौली जिला प्रशासन ने जल्द उपलब्ध कराने को आश्वस्त किया है। फ्रेट विलेज से पहले नवम्बर 2018 तक बनारस टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएगा।

1400 करोड़ से बनेगा गंगा चैनल
आईडब्ल्यूएआई के वाइस चेयरमैन प्रवीण पांडेय के मुताबिक बनारस-हल्दिया वॉटर हाईवे में `गंगा चैनल` बनाने के लिए जनवरी महीने में ग्लोबल टेंडर जारी किया जाएगा। चैनल पर करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 365 दिन 2000 टन तक के मालवाहक जहाज चलाने के लिए गंगा चैनल सबसे महत्वपूर्ण है। कैपिटल ड्रेजिंग के जरिए 45 मीटर चौड़े चैनल में हर मौसम में 2.50 से तीन मीटर तक एश्योर्ड डेफ्थ मिलेगी।। चैनल के लिए तीन सेगमेंट बनाए गए हैं। पहला हल्दिया से फरक्का, दूसरा फरक्का से बाढ़ (बिहार) और तीसरा बिहार से बनारस तक का है। एक साल में चैनल बनकर तैयार होते ही बनारस से हल्दिया तक नियमित मालवाहक जहाज दौड़ने लगेंगे।

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