पीएम की काशी को फिर मेट्रो की आस

संक्षेप:

  • वाराणसी में मेट्रो का सपना टूट गया
  • मेट्रो की जरूरत के आंकलन का निर्देश दिया है
  • सरकार के रिपोर्ट में क्या होगा ये तो समय बताएगा

लोकसभा चुनाव में जब पीएम नरेंद्र मोदी काशी से चुनाव लडे और देश के प्रधानमंत्री बने तो काशीवासियों में काशी के विकास को लेकर तमाम चर्चाएं हुईं।  काशी ने भी काशी से क्योटो तक का सपना देखा , मेट्रो सहित दर्जनों सौगातों की आस जगाईं। प्रदेश में जब भाजपा की सरकार आयी तो इन उम्मीदों को पंख लगते दिखे। लेकिन निति आयोग ने इसपर अपना डंडा चलाया और वाराणसी में मेट्रो का सपना टूट गया।  केंद्रीय विकास मंत्रालय ने अब एक बार फिर प्रदेश सरकार से वाराणसी सहित इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ, आगरा और कानपुर में  जनसंख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट के लिए लोगों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए मेट्रो की जरूरत के आंकलन का निर्देश दिया है। सरकार के रिपोर्ट में क्या होगा ये तो समय बताएगा लेकिन वाराणसी के लोगों का मेट्रो को लेकर क्या कहना है ये जानिये।  

NYOOOZ से अनौपचारिक बातचीत में मानवाधिकार जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चंद्रशेखर सिंह ने बताया की शहर में बढ़ती जनसंख्या के कारण ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है इसमे सिर्फ मेट्रो लाकर इसको  पटरी पर लाया जा सकता।  

वहीं BHU के सीनियर डॉक्टर टी पी चतुर्वेदी ने बताया की काशी के बढ़ते इंफ्रास्ट्रचर, जनसंख्या को देखते हुए मेट्रो काशी की अब जरूरत बन गयी है। मेट्रो की शुरुआत के बाद ही शहर की इन व्यवस्थाओं में सुधार हो सकता है।  

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महिला महाविद्यालय की प्रोफेसर चन्द्रकला त्रिपाठी ने NYOOOZ से अनौपचारिक बातचीत में बताया की शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाना है तो काशी में मेट्रो परियोजना को हरी झंडी होनी चाहिए। 

वाराणसी की जनता चाहती है की यहां मेट्रो की शुरुआत जल्द से जल्द हो लेकिन देखना ये होगा कि लोगों की मेट्रो की आस कब पूरी होती है।

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