बनारस से भी नेताजी का था गहरा नाता, कई बार आए थे काशी की गुप्त यात्रा पर

संक्षेप:

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज मनायी जा रही है पुण्यतिथि।
  • बनारस से भी था नेताजी का गहरा नाता।
  • नेताजी ने गांधीजी को दिया था राष्ट्रपिता का संबोधन।

वाराणसी. नेताजी का नारा था इत्तहाद, एकता, ऐतमाद, विश्वास और बलिदान। भारत को आजाद कराने के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया था। बनारस से भी नेताजी का गहरा नाता था और वह कई बार काशी की गुप्त यात्रा पर आए थे। दावा है कि अंतिम समय के कुछ दिन उन्होंने काशी में अज्ञातवास भी किया था। आज उनकी पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

नेताजी गोपनीय तरीके से ड़योढ़ी आए थे

नेताजी की मौसी के प्रपौत्र वीरभद्र मित्रा ने बताया कि काशी के लिए उनके मन में कई सारी योजनाएं थीं। उनके मौसा-मौसी बंगाली ड्योढ़ी में ही रहते थे। नेताजी दो बार बंगाली ड्योढ़ी आए थे और बेहद गोपनीय तरीके से यहां निवास किया। उनकी बहन का विवाह गोरखपुर के राय परिवार में हुआ था और उनके बहनोई चिकित्सक थे। बीएचयू के भारत कला भवन में नेताजी से जुड़ी कई स्मृतियां आज भी संग्रहित हैं। आजाद हिंद फौज का रुपया, मालवीय जी को नेताजी द्वारा लिखा हुआ पत्र संग्रहित कर रखा गया है।

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नेताजी ने गांधीजी को दिया था राष्ट्रपिता का संबोधन

वीरभद्र मित्रा ने बताया कि नेताजी ने गांधीजी को राष्ट्रपिता का संबोधन दिया था। वह बहुत दूरदर्शी थी थे एक पत्र में जिक्र मिलता है कि नेताजी ने बापू से कहा था कि आप बंटवारे की बात मत मानिए नहीं तो आने वाले समय में इसी आधार पर सिखिस्तान, गढ़वालिस्तान की मांग उठने लगेगी।

शारदानंद नाम से छिपाई थी अपनी पहचान

नेताजी शारदानंद नाम से 1977 तक अपनी पहचान को छिपाकर जीवित रहे। उनके हस्तलेख, पत्रों की प्रतियां व जीवित रहने के प्रमाण जस्टिस खोसला और जस्टिस मुखर्जी जांच आयोग के संज्ञान में डॉ. सुरेश चंद्र पाध्ये ने लाया था। हस्तलेख विशेषज्ञों की रिपोर्ट कहती है कि नेताजी और शारदानंद द्वारा लिखे गए पत्रों की लिखावट एक ही व्यक्ति की है।

आईबी ने श्यामाचरण पांडेय से की पूछताछ

श्यामाचरण पांडेय ने कहा कि उनके चाचा राधाकांत पांडेय अंतिम समय तक शारदानंद के साथ रहे। 1972 में मेरी शारदानंद ब्रह्चारी से मुलाकात भी हुई थी। उनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षक था। मुझसे आईबी ने पूछा था कि क्या शारदानंद ब्रह्मचारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस हैं। मैंने कहा कि यह तो मैं नहीं जानता कि वह नेताजी हैं या नहीं लेकिन वह महान हैं।

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