वाराणसी के इस स्कूल में शिक्षक आते हैं देरी से और छात्र लगाते हैं झाड़ू !

संक्षेप:

  • स्कूल में छात्र ही करते हैं गंदगी की सफाई
  • कोई भी शिक्षक नहीं आता समय पर
  • अध्यापकों के मनमाने रवैया के चलते शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप है

वाराणसीः उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर हर दिन नए नए प्रयोग कर रही है ताकि शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके मगर वाराणसी जिले के ग्रामीण इलाकों के चुनिंदा बड़े स्कूलों में से एक जगरदेव तकनीकी माध्यमिक विद्यालय व प्राइमरी पाठशाला का शिक्षा स्तर बेहद खराब है।  यहां कुछ शिक्षकों के देरी से आने और कुछ के न आने के चलते यहां का पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित है।

इस स्कूल में अधिकांश ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं ताकि उनका बौद्धिक और सामाजिक विकास हो सके। लेकिन अध्यापकों के मनमाने रवैया के चलते शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। स्कूली छात्र छात्राओं का कहना है कि स्कूल का समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक है 1 जुलाई से स्कूल खुलने के बावजूद भी कोई शिक्षक कभी भी समय पर नहीं आता।

राष्ट्रगान ऐसा गान होता है जो देश के इतिहास व परंपरा को दर्शाता है इसे खासकर शिक्षण संस्थानों में रोजाना पढ़ाई के पहले गाया जाता है ताकि बच्चों के मन में उनके देश के प्रति सम्मान और एकजुटता की भावना भरी जा सके यह अनिवार्य भी है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि शिक्षकों के समय पर न आने के चलते स्कूल में राष्ट्रगान (प्रार्थना) नही हो पाता। स्कूली छात्रों मानें तो वो कभी-कभी स्वयं चाबी लाकर स्कूल का गेट खोलते हैं। इतना ही नहीं स्कूल में इतनी गंदगी रहती है की छात्र खुदी ही साफ सफाई करते हैं।

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वहीं जब इस मामले में डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे प्रधानाचार्य अनुराग कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कभी कभार देर हो जाती है। आज देरी का कारण गाड़ी खराब हो जाना रहा। प्रधानाचार्य से जब अन्य शिक्षकों के देर से आने या ना आने का कारण पूछा गया तो उनका कहना था यह उनकी लापरवाही है इस बारे में मैनेजमेंट ही फैसला लेगा।

 

 

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