यूपी सरकार उठाएगी गंगा में तैरती बक्शे में मिली बच्ची का खर्च, बच्ची को बचाने वाले नाविक को भी देगी नई नाव

संक्षेप:

  • यूपी सरकार उठाएगी गंगा में बहकर बचने वाली नवजात का खर्च
  • बचाने वाले नाविक को देगी नई नाव
  • बंद बक्शे में बह रही थी बच्ची तब नाविक ने बच्ची को बचाया था

वाराणसी- जिस नवजात को उसके परिवार ने गंगा की मझधार में छोड़ दिया था, उसके लालन-पालन का जिम्मा अब उत्तर  प्रदेश सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्ची को गोद लेने की घोषणा की है। इसके साथ ही उसे बचाने वाले नाविक को एक नाव व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। गाजीपुर के ददरी घाट पर मंगलवार को गुल्लू मल्लाह ने गंगा में बह रहे एक लकड़ी के बक्से को देखा और बच्ची के रोने की आवाज सुनी। इस पर वह गंगा में कूद गया और बहते बक्से को किनारे लाया।

बक्से को खोला तो उसमें देवी-देवताओं के चित्र लगे थे और माता की चुनरी में लपेटी हुई 22 दिन की नवजात मिली। वह तुरंत बच्ची को निकाल कर सीने से लगाकर घर ले गया। उसके परिजन बच्ची को पालना चाहते थे, लेकिन लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस बच्ची की बेहतर देखभाल के लिए उसे आशा ज्योति केंद्र ले गई। वहां से उसे महिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करा दिया गया।

लखनऊ में बुधवार को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गंगा में मिली बच्ची की देखभाल राज्य सरकार करेगी। बच्ची को बचाने वाले नाविक को सभी सुविधाएं दी जाएगी। वहीं गाजीपुर के जिलाधिकारी एमपी सिंह बच्ची को देखने जिला महिला अस्पताल गए।

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इसके बाद वह सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता व अन्य अधिकारियों के साथ गुल्लू मल्लाह से मिलने उसके घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बच्ची के लालन-पालन से लेकर उसके भविष्य की सभी जरूरतों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा, गुल्लू ने बहुत नेक काम किया है। उनके कार्य की प्रशंसा जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक हो रही है।

उन्होंने गुल्लू मल्लाह से प्रशासन की ओर से मदद के बारे में पूछा तो गुल्लू ने बताया कि उसके पास तीन कमरों का मकान है और वह अपने चाचा की नाव चलाता है। इस पर जिलाधिकारी ने उन्हें तात्कालिक रूप से एक नाव देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा नाविक ने बच्ची को बचाकर मानवता का उदाहरण दिया है। प्रदेश सरकार उन्हें धन्यवाद देते हुए आवास की सुविधा देगी। यदि उनके पास अपना आवास है तो पात्रता के अनुसार अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। प्रदेश के सभी अधिकारी मानवता की मिसाल कायम करने वालों को प्रोत्साहित करें।

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