संवासिनी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वाराणसी के डीएम कर रहे ये काम

संक्षेप:

  • वाराणसी डीएम की अनोखी पहल
  • संवासिनी महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
  • जैतपुरा में है कुल संवासिनीयों की संख्या 94

वाराणसी: यूपी के देवरिया जिले में शेल्टर होम कांड के बाद से संवासिनी गृहों में रह रही महिलाओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर इसके विपरीत वाराणसी के जैतपुरा स्थित राजकीय पश्चातवर्ती महिला देखरेख संगठन में रह रही युवतियों और महिलाओं की जिंदगी पूरी तरह से बदल रही है।

राजकीय पश्चातवर्ती महिला देखरेख संगठन , जैतपुरा में कुल संवासिनीयों की संख्या 94 है। इसमें 88 संवासिनियों  और 6 उनके बच्चे हैं। सभी संवासिनी 18 वर्ष से ऊपर की हैं, जिसमें 15 मानसिक रोग से प्रभावित हैं। इतना ही नहीं 1 टीबी तथा 1 लीवर रोग से भी ग्रसित है। संगठन में कुल 8 डोरमेट्री हैं, जिसमें कम से कम 8 से 10 बालिकाएं रहती हैं।

संगठन में रहने वाली संवासिनियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाए जाने के लिए प्रशासन अब उनके हाथों से तैयार किए गए उत्तम क्वालिटी बेकरी के केक, मफेन पेस्ट्री इत्यादि सामानों को ओपेन मार्केट में भेजने की तैयारी में है, लेकिन इससे पहले इनके इस प्रोडक्ट को जिला प्रशासन सरकारी मीटिंग में प्रयोग होगा।

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डीएम सुरेंद्र सिंह का कहना है कि संवासिनी गृह में रहने वाली महिलाओं और युवतियों की तरफ से किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। इनकी तरफ से जो भी बेकरी प्रोडक्ट तैयार हो रहे हैं। उसके बल पर इनकी जिंदगी संवारने का काम शुरू होगा। डीएम का कहना है कि शुरुआत विकास भवन और राइफल क्लब सभागार में आयोजित होने वाली बैठकों से होगी और यहां पर होने वाली बैठकों में इनके प्रोडक्ट को नाश्ते के तौर पर परोसा जाएगा।

डीएम सुरेंद्र सिंह का कहना है कि बनारस के राजकीय पश्चातवर्ती महिला देखरेख संगठन  की हालत बहुत अच्छी है। यहां रहने वाली महिलाएं सिर्फ बेकरी ही नहीं बल्कि कई और तरह के कामों में लगी हुई हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि महिलाएं बेहतरीन कपड़े भी तैयार कर रही हैं। इसलिए उन्हें कुछ सरकारी स्कूलों के यूनिफार्म तैयार करने के आर्डर भी दिए जाएंगे।

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