वाराणसी में डॉक्टरों की हड़ताल, दो मरीजों की मौत

संक्षेप:

  • BHU में दूसरे दिन ही हड़ताल जारी
  • जेल जाने के डर डॉक्टर हड़ताल पर
  • इलाज न होने से दो मरीजों की हुई मौत

वाराणसी- प्रतिदिन लगभग 5000 मरीजों को संजीवनी देने वाला पूर्वांचल का एम्स काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सर सुन्दर लाल चिकित्सालय लगातार दूसरे दिन भी कराह रहा है और इस वेदना के पीछे अस्पताल के ही डाक्टर है। बिहार झारखंड मध्यप्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश को स्वस्थ रखने वाला अस्पताल खुद ICU में है। मरीज बेहाल है और डाक्टर अपनी गलत मांग को पूरी करने के लिए अस्पताल के पहिये में हड़ताल रूपी ब्रेकर लगा रखे है। डाक्टरों को न ही अपने कर्तव्य का बोध है और न ही मरीज के जान की। इन्हें तो डर सता रहा है कि उनके द्वारा किये मारपीट में वो जेल न चले जाय। लिहाजा हड़ताल को ढाल बनाकर मरीजों के साथ अन्याय जारी है।

बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में नाटक चल रहा है और ये नाटक जूनियर डाक्टर कर रहे है। दरअसल परसो छात्रों के साथ हुई मारपीट के बाद बुधवार को जूनियर रेजीडेंट्स ने चिकित्सकीय सेवा बंद कर दी गई। हड़ताल का असर ये रहा कि दूर-दराज से आए मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। अपने ऊपर कार्यवाही न होने के कुलपति के आश्वाशन पर कल देर रात हड़ताल समाप्त की घोषणा तो जरूर हुआ लेकिन मात्र दो घंटे बाद ही डाक्टर पैतरा बदलते हुए पुनः हड़ताल की घोषणा कर दी। डाक्टरों को डर है कि छात्र आकाश को डाक्टर ने काफी चोट पहुंचाई है इन्हे गिरफ्तारी से डर है साथ खुद मुकदमा न करा कर BHU प्रशासन से अपनी ओर से मुकदमा दर्ज कराये।

मरीजों की हो रही छुट्टी

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BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल के कारण मरीज बेहाल है अब तो हाल ये है की अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी छुट्टी की जा रही है वो भी जबरजस्ती ये कह के की जूनियर डॉटर हड़ताल पर है इलाज नहीं हो पायेगा। बताया जा रहा है पिछले 24 घंटे में दो दर्जन के अधिक मरीजो को छुट्टी दे दी गयी है।

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