बनारस में बनने वाला है दूसरा डबल डेकर पुल, राजघाट के बगल से गुजरने वाले पुल का नक्शा तैयार

संक्षेप:

  • बनारस में बनने वाला है दूसरा डबल डेकर पुल।
  • राजघाट मालवीय पुल के पास ही बनेगा नया डबल डेकर पुल।
  • उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने डबल डेकर पुल परियोजना पर लगायी मुहर।

वाराणसी. वाराणसी में राजघाट मालवीय पुल के पास जल्द ही डबल डेकर पुल बनेगा। इसके बनने से रेलवे और सड़क मार्ग से होकर गुजरने वालों को बड़ी राहत होगी। पुराने हो चुके मालवीय पुल के बगल से गुजरने वाले प्रस्तावित इस डबल डेकर पुल का नक्शा भी बनकर तैयार है।

पुल निर्माण के लिए किया जाएगा जमीन अधिग्रहण

पुल निर्माण के लिए राजघाट, भदऊ चुंगी, कोनिया क्षेत्र की जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। इसका ड्रोन से सर्वे किया जा चुका है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गांगल ने शुक्रवार को राजघाट पर प्रस्तावित डबल डेकर पुल परियोजना पर मुहर लगाई। पुल का नक्शा देखा और कार्यदायी संस्था व रेल अधिकारियों से निर्माण कार्य और बजट सहित अन्य पहलुओं पर चर्चा की।

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महाप्रबंधक ने किया इंटर स्टेशन काशी का निरीक्षण

महाप्रबंधक ने इंटर मॉडल स्टेशन काशी का भी निरीक्षण किया। करीब 45 मिनट तक काशी स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक आशुतोष गांगल ने कहा कि राजघाट के बगल में बनने वाले डबल डेकर पुल को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही हरी झंडी दे दी है। महाप्रबंधक ने कहा कि इस परियोजना को जल्द पूरा किया जाएगा।

महाप्रबंधक के आने से पहले चमकाया रेलवे स्टेशन

महाप्रबंधक के पहुंचने से पहले काशी रेलवे स्टेशन पर दोपहर से ही साफ सफाई और खामियों को दूर करने में रेलवे कर्मचारी लगे हुए थे। हाल यह था कि महाप्रबंधक के पहुंचने से 10 मिनट पहले तक स्टेशन पर स्थित पेयजल बूथ और नाली को साफ किया जा रहा था। अक्सर शाम होते अंधेरे में डूबने वाला काशी स्टेशन शुक्रवार को लाइटिंग से जगमगा रहा था। काशी रेलवे स्टेशन पर सीमित ट्रेनों का दबाव है। शाम होते ही रेलवे स्टेशन और परिसर में चंद लाइटों को छोड़ बाकी जगह अंधेरा पसरा रहता है।

रेल कोच को मोडिफाई कर बनेगा रेल कोच रेस्टूरेंट

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर रेल कोच बनने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे प्रशासन ने कैंट स्टेशन पर कोच निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित किया है। रेल अधिकारियों के मुताबिक रेल कोच रेस्टूरेंट का निर्माण रेलवे की सेवा से रिटायर हो चुके कोच को मोडिफाई कर किया जाएगा।

कोच के अंदर-बाहर दिखेंगे काशी के आध्यात्मिक व सांस्कृतिक प्रतिक चिन्ह

कोच के अंदर और बाहर काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतिक चिन्हों को उकेरा जाएगा। यात्री रेल में यात्रा किए बिना रेल कोच में सवार होकर बनारसी जायके के साथ देश के विभिन्न राज्यों के जायके का आनंद उठा सकेंगे। रेल अधिकारियों के मुताबिक 22 सितंबर दोपहर दो बजे टेंडर बंद हो जाएगा और उसी दिन तीन बजे टेंडर खोला जाएगा।

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