वाराणसी: आइए ऐसे मनाते हैं Earth Hour Day

संक्षेप:

  • पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि इस बार कैसे मनाएं अर्थ ऑवर डे
  • 24 मार्च को मनाया जाएगा अर्थ ऑवर डे
  • अर्थ ऑवर की शुरुआत 2007 में सिडनी से हुई थी

वाराणसी: 24 मार्च को देश ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया में अर्थ आवर डे मनाया जायेगा। अर्थ आवर डे यानी अपनी को सुरक्षित रखने और उसे बचाने में एक कदम मिलकर आगे बढ़ाने का दिन। अर्थ आवर डे पर देश के अलग अलग जगहों पर पर्यावरण और अपनी धरती को बचाने के लिए विभिन्न आयोजन होंगे। सरकारी दफ्तरों से लेकर प्राइवेट दफ्तरों और अपने घरो में एक घंटे का ब्लैक आउट कर लोग धरती बचाने के इस मुहीम में अपना हाथ बढ़ायेंगे।

वाराणसी में पिछले कई सालों से पर्यावरण पर अभियान चला रही केयर फॉर एयर संस्था से जुड़ी एकता शेखर ने बताया की अर्थ आवर डे पर लोगो को बिजली का महत्त्व समझाने और लोगो को उसके प्रति जागरूक करने के लिए संस्था के लोग पिछले एक हफ्ते से लगातार शहर के भीड भाड़ वाले इलाके में लोगो को पम्पलेट और नुक्क्ड़ नाटक के जरिये जागरूक कर रहे है साथ ही इस दिन लोगो से खुद के घर की बिजली को एक घंटे बंद करने की अपील भी कर रहे है।

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इस बार अर्थ आवर डे 24 मार्च को है। अर्थ आवर डे, यानी अपनी धरती को बचाने के लिए एक कदम बढ़ाने का दिन। यह एक अभियान है, लोगों को बिजली का महत्व समझाने और इसे बचाने के प्रति जागरूक करने का। मौका है इस कोशिश में पूरी दुनिया के साथ एकजुट होने का। हमें सिर्फ 24 मार्च को एक घंटे के लिए घर की सभी लाइट्स और इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेस स्विच ऑफ रखने हैं। रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक।

अर्थ ऑवर की शुरुआत 2007 में सिडनी में हुई वहां पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे तक लाइटें बंद कराई गई थीं। फिर वर्ल्ड वाइड फंड ने इसे दुनिया में इसे पहचान दिलाई। संस्था ने इसे कार्बन पॉल्यूशन के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा। 2007 से शुरू हुए इस अभियान में 180 देशों के 7 हजार से ज्यादा शहर इसका हिस्सा बन चुके हैं।

क्यों मनाये अर्थ आवर डे
BHU के मौसम विभाग के जाने माने प्रोफेसर और पर्यावरण के जानकार डॉ बी आर डी गुप्ता ने बताया की बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को सही राह पर लाने की दिशा में यह एक सकरात्मक पहल है जिसका हिस्सा सभी को बनना चाहिए। उन्होंने कहा की कहने को तो यह छोटी सी कोशिश है। लेकिन एक घंटे में बड़ी बचत करा जाती है। सोच में बड़ा बदलाव ला सकती है और लोगो को ऊर्जा का महत्त्व समझा सकती है। उन्होंने NYOOOZ के माधयम से लोगो से अपील की सभी लोग 24 मार्च ही नहीं बल्कि हर दिन रात के समय एक घंटे कम बिजली जलाकर धरती को बचाने में अपना योगदान दे।

डॉ बी आर डी गुप्ता ने आगे बताया की अगर लोग पर्यावरण और धरती को बचाने के प्रति जागरूक नहीं हुए तो आने वाले दिनों में धरती पर सांस लेना भी भयावक होगा। उन्होंने आगे बताया की पिछले कुछ सालो में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगो में बीमारिया बड़ी है साथ ही कई ऐसे जीव जंतु और पक्षी है जो अब विलुप्त हो रहे है और ये इस बात की और इशारा कर रहा है की अब लोगो को धरती को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।

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