NCLAT का आदेश-साइरस मिस्त्री को फिर बनाया जाए TATA Group का चेयरमैन, एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति अवैध घोषित!

संक्षेप:

  • NCLAT ने बुधवार को टाटा संस मामले में बड़ा फैसला सुनाया.
  • अपीलीय न्यायाधिकरण ने सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस के एग्जिक्यूटिव पद पर बहाल करने का आदेश दिया.
  • एन चंद्रशेखरन के इस पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया.

नई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने बुधवार को सायरस मिस्त्री के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें फिर से टाटा संस का चेयरमैन बनाया जाने का आदेश दिया है. साथ ही, ट्रिब्यूनल ने एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है. ट्रिब्यूनल ने सायरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को गलत ठहराया है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस हारने के बाद मिस्त्री अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे. अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था. आपको बता दें कि सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था.

सायरस मिस्‍त्री को अचानक पद से हटा दिया था- सायरस मिस्‍त्री, जो टाटा संस के छठे चेयरमैन थे, को अक्‍टूबर 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में उनके पद से हटा दिया गया था. रतन टाटा के सेवानिवृत्‍त होने के बाद मिस्‍त्री ने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था. इसके बाद टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन बनाया गया.

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