नागरिकता संशोधन कानून पर UN ने चिंता जताई, कहा- यह कानून बुनियादी रूप से भेदभाव करने वाला है
- संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चिंता जताई है.
- उनका कहना है कि यह कानून बुनियादी रूप से भेदभाव करने वाला है.
- जारी बयान में उम्मीद जताई गई है कि सुप्रीम कोर्ट नए कानून की समीक्षा करेगा.
जेनेवा: संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि यह कानून बुनियादी रूप से भेदभाव करने वाला है. मानवाधिकारों की स्थिति पर नजर रखने वाली उसकी संस्था यूएनएचसीआर ने एक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है, ‘हम इससे चिंतित हैं कि भारत के नए नागरिकता संशोधन कानून की प्रकृति मूल रूप से भेदभाव करने वाली है.’ बयान में आगे कहा गया है कि सताए गए समुदायों को सुरक्षा देने का मकसद स्वागत योग्य है, लेकिन इसमें पक्षपात नहीं होना चाहिए.
"We are concerned that Indias new Citizenship (Amendment) Act 2019 is fundamentally discriminatory in nature. We hope the Supreme Court of #India will consider carefully the compatibility of the law with Indias international human rights obligations." -- @UNHumanRights pic.twitter.com/ThizC1rWDf
— UN Geneva (@UNGeneva) December 13, 2019
वहीं यूनाइटेड नेशन्स के जेनेवा ऑफिस ने भी ट्वीट कर चिंता जाहिर करते भारत के सुप्रीम कोर्ट से आशा जताते हुए कहा है कि भारत का नागरिकता संशोधन कानून की प्रकृति बुनियादी रुप से भेदभाव वाली है और भारत के उच्चतम न्यायलय को भारत के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के दायित्वों को ध्यान में रखकर नीतिसंगत फैसला करना चाहिए.
ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम
यूएनएचसीआर का कहना है कि सम्मान, सुरक्षा और मानवाधिकार हर शरणार्थी का हक है. संस्था के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में उम्मीद जताई गई है कि सुप्रीम कोर्ट नए कानून की समीक्षा करेगा और इस बात की सावधानी से समीक्षा करेगा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों को लेकर भारत के दायित्वों के अनुरूप है या नहीं.
#India: We are concerned that the new #CitizenshipAmendmentAct is fundamentally discriminatory in nature. Goal of protecting persecuted groups is welcomed, but new law does not extend protection to Muslims, incl. minority sects: https://t.co/ziCNTWvxc2#FightRacism #CABProtests pic.twitter.com/apWbEqpDOZ
— UN Human Rights (@UNHumanRights) December 13, 2019
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.