सीएम योगी नाराज़, हटाए जा सकते हैं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ?

  • Wednesday | 26th July, 2017
  • health
संक्षेप:

  • स्वास्थ्य मंत्री की काम का तरीका नहीं है कारगर
  • जुलाई की शुरुआत में ही एक्शन लेने का किया था दावा
  • स्वास्थ्य मंत्री के दावों की निकल गयी है हवा

By:आशुतोष सहाय

नोएडा। उत्तरप्रदेश स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह लगातार दावे कर रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है लेकिन प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का जो बुरा हाल है वो किसी से छिपा नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्री का कार्यक्षेत्र सिर्फ बयानबाज़ी और बैठकों तक सीमित रह गया है। यही वजह है कि पिछले एक महीने में डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी कोई सुधार होता नज़र नहीं आ रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग के निकम्मे रवैये की इंतेहा तो इस बात से ही समझी जा सकती है कि लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, नोएडा और आगरा जैसे बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में भी डेंगू का लारवा मिलने की जानकारी खुद स्वास्थ्य विभाग ने दी। इसको लेकर बकायदा KGMU और दूसरे संस्थानों को नोटिस भी कई बार जारी किया गया। वहीं गोरखुपर में इंसेफ्लाइटिस से 174 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक इस लापरवाह कार्यशाली को लेकर किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होती नज़र नहीं आयी है।

कहा जा रहा है स्वास्थ्य विभाग में लगातार बेकाबू होते हालात को लेकर सीएम योगी ना केवल चिंतित हैं बल्कि इसको लेकर आमूलचूल परिवर्तन का मन भी बना रहे हैं। जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाएं और बीमारियां काबू में नहीं आ पा रहीं। उसका खामियाज़ा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को भुगतना पड़ सकता है। लगातार बढ़ते रोगियों की संख्या और बेकाबू हालात के कारण सीएम योगी नाखुश हैं। अगर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को हटाया गया तो उनकी जगह किसको यूपी का स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाएगा इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

लखनऊ और आस-पास के इलाकों में तेज़ी से डेंगू व स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही में लखनऊ के CMO दफ्तर ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक लखनऊ में डेंगू के 40 मरीज़ मिल चुके हैं जिनमें 3 की डेंगू से मौत हो चुकी है। वहीं स्वाइन फ्लू के 25 मरीजों और चिकनगुनिया के 50 रोगियों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या तेज़ी से लखनऊ में बढ़ रही है। संख्या में लगातार तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल डेंगू के डेंगू के 300 मरीज़ मिले थे। खाली लखनऊ में ही डेंगू से 20 लोगों की मौत की बात कही गयी थी।

निरीक्षण में 27 स्थानों पर मिले डेंगू के लार्वा
सीएमओ और मलेरिया विभाग की टीम ने जब 52 जगहों का निरीक्षण किया। इनमें 27 स्थानों में पानी भरा मिला। जिसमें मच्छरों के लार्वा तैर रहे थे। सीएमओ की टीम ने इन सभी को नोटिस जारी किया था।

जुलाई की शुरुआत में ही स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार और अधिकारी डेंगू और दूसरी बीमारियों से निपटने के लिए तैयारी। पूरे यूपी के लोगों ने उनकी तैयारियां भी देख लीं और उसके बाद राजधानी लखनऊ समेत पूरे उत्तरप्रदेश में किस तरह डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू बढ़ता गया ये भी देख लिया। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों ही पूरी तरह से फेल नजर आ रहे हैं। लखनऊ शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों के पनपने के लिए न्यौता दे रहा है। इसके बावजूद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग बहाने बनाने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं।

मेरठ में स्वाइन फ्लू के 6 केस सामने आए हैं। मंगलवार को मेरठ के छह संदिग्ध केस सामने आए हैं। जिनमें कोमल पत्नी ओमवीर और पूनम निवासी कंकरखेड़ा हाई रिस्क में हैं। पूनम गर्भवती है। कोमल एक बच्चे की मां हैं। सिद्धी, गौरव, कौशल, राखी अग्रवाल भी संदिग्ध हैं। उनकी भी रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई हैं। मुजफ्फरनगर के एक ढाई साल के बच्चे उबैर को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई हैं। उसे मेरठ में भर्ती कराया गया था। उबैर के पिता अल्फात के मुताबिक 13 जुलाई को बुखार आया था। 17 को मेरठ में भर्ती कराया। सीएमओ डाक्टर राजकुमार के मुताबिक बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण आए हैं। कुछ और संदिग्ध केस सामने आ रहे। छह सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट में सही स्थिति साफ हो सकेगी।

मुजफ्फरनगर के एक ढाई साल के बच्चे को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। हापुड़ की दो महिलाएं तीन दिन के भीतर दम तोड़ चुकी हैं। यूपी में पिछले हफ्ते तक 43 मरीज़ स्वाइन फ्लू के सामने आ चुके थे। तीन की मौत हो चुकी हैं। वेस्ट यूपी के हापुड़ में कुल पांच महिलाओं की मौत हो चुकी हैं। हापुड़ की एक महिला की मौत मेरठ में हुई। करीब 10 दिन पहले भी हापुड़ की एक महिला की मौत दिल्ली के अस्पताल में हुई।

डेंगू और स्वाइन फ्लू ने ली 1010 की जान
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि इस साल अब तक मच्छरों के काटने और एच1एन1 वायरस से होने वाली बीमारियों से 1010 लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि सरकार निगरानी और जांच प्रणाली को और मजबूत करेगी।

आंकड़ों के अनुसार इस साल 16 जुलाई तक एच1एन1 इन्फ्लूएंजा से कुल 632 लोगों की मौत की जानकारी मिली है। वहीं एडीज एजिप्टी और जापानी इन्सेफेलाइटिस से क्रमश: 279 और 60 लोगों की जान चली गई। इसी साल के आंकड़ों के अनुसार नौ जुलाई तक डेंगू से 22 लोग मारे गए, वहीं मई महीने तक मलेरिया ने 17 लोगों की जान ले ली। कुल मिलाकर वेक्टर जनित बीमारियों से इस साल 1010 लोगों के मारे जाने की सूचना है.

 

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