वाराणसी में चार मंजिला अवैध निर्माण पर गरजा बुलडोजर, स्थानीय युवती की मौत के बाद प्रशासन ने की कार्रवाई

संक्षेप:

  • वाराणसी में चार मंजिला अवैध निर्माण पर गरजा बुलडोजर।
  • स्थानीय युवती की मौत के बाद प्रशासन ने की कार्रवाई।
  • अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध निर्माण।

वाराणसी. वाराणसी के गोदौलिया बांसफाटक रोड पर बड़ादेव स्थित चार मंजिला अवैध निर्माण को बुलडोजर और हथौड़े से ध्वस्त कराया जा रहा है। इसके मद्देनजर गोदौलिया से काशी विश्वनाथ मंदिर तक के रास्ते को बंद रखा गया। इसके अलावा वीडीए (वाराणसी विकास प्राधिकरण) की टीम के साथ ही दशाश्वमेध और लक्सा थाने की पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे। एहतियातन मकान के आस-पास की दुकानों को भी बंद करा दिया गया था।

पत्थर गिरने से स्थानीय युवती की हुई मौत

बीते सात सितंबर को इसी निर्माणाधीन भवन से एक पत्थर गिरने के कारण रामनगर औद्योगिक क्षेत्र निवासी मुस्कान घोष (21) की मौत हो गई थी। युवती की मौत के बाद पुलिस, प्रशासन और वीडीए के अफसरों ने बैठक कर कार्रवाई की बात कही थी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार को शुरू हुई। चार मंजिला भवन को गिराने के लिए बुलडोजर के साथ ही दो दर्जन मजदूरों को लगाया गया है। गुरुवार को चार मंजिला पूरी तरह से जमींदोज हो जाएगा।

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अवैध निर्माण पर विकास प्राधिकरण ने मूंद रखी है आंखें

वाराणसी शहर में होने वाले अवैध निर्माण पर विकास प्राधिकरण के अधिकारी आंखें मूंदे रहते हैं। अवैध निर्माणों पर नोटिस की कार्रवाई से प्राधिकरण आगे नहीं बढ़ पा रहा है। यही कारण है कि अवैध निर्माणों पर लगाम नहीं लग रही है। कई मामलों में तो सील के बाद निर्माण पूरा हो गया और शमन मानचित्र दाखिल किया गया। वाराणसी में एक लाख से ज्यादा अवैध निर्माण अब तक चिह्नित हैं। इतना ही नहीं, दो हजार अवैध निर्माणों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया है।

अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध निर्माण

दरअसल, अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण के कागजी खेल के चलते कार्रवाई नहीं हो पाती। कुछ बड़ी इमारतें तो ऐसी हैं, जिन्हें अवैध और अनियमित पाते हुए प्राधिकरण ने सील लगा दी है। मगर, सील लगे भवनों में धड़ल्ले से निर्माण चल रहा है। कभी खुलेआम तो कभी सील बहुमंजिला इमारतों में अंदर चोरी-छिपे अपने निर्माण का आकार देने में जुटे हैं। इसे प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही कहें या मिलीभगत, महीनों या सालों पहले सील किए गए बड़े-बड़े भवनों को सील लगाकर अधिकारी भूल जाते हैं और दोबारा कभी मौके पर जाकर जांच-पड़ताल नहीं करते।

छह महीनों में 19 सौ से अधिक अवैध निर्माण किए गए सील

विकास प्राधिकरण में अलग-अलग जोन की जिम्मेदारी के लिए टीमें बनाई गई हैं। बिना नक्शा स्वीकृत कराए जगह-जगह निर्माण किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, आवासीय के साथ ही व्यावसायिक और बडे़ अवैध निर्माण तक पर भी निजी हित साधने के बाद कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति है। पिछले छह महीने में 19 सौ से ज्यादा अवैध निर्माण सील किए गए, मगर, इनमें ज्यादातर निर्माण सील के बावजूद पूरे कर लिए गए।

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