यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दिया बड़ा बयान

संक्षेप:

  • योगी सरकार का फैसला
  • 16 दिन में ही समाप्त कर दी जाएंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं
  • जानिए क्या-क्या बोले दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अलीगढ़ सर्किट हाउस में शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब यूपी बोर्ड का पैटर्न एनसीईआरटी के पैटर्न पर आधारित होगा. साथ ही जुलाई से शुरू होने वाला सत्र एक जुलाई से शुरू होगा.

माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा में किए जा रहे बदलावों को बताया. डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है यह है कि माध्यमिक शिक्षा में विज्ञान की किताब के कई लेखक होते थे, जिसके चलते प्रिंटिंग प्रेस का धंधा फलता फूलता था. अनियमित पाठ्यक्रमों के चलते व कई लेखकों की पुस्तकें पढ़ने के कारण 65 फीसदी नंबर ही आते थे, जबकि एनसीईआरटी के माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 90 से 95 फीसदी नंबर आते थे.

डॉ. शर्मा ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब यूपी बोर्ड का विद्यार्थी बीए, बीएससी, बीकॉम में एडमिशन के लिए जाता था तो उसका दाखिला नहीं होता था. नौकरियों में भी जब इंटरव्यू होता था तो ऐसे विद्यार्थियों को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी. इस विसंगति को दूर किया गया है. उन्होंने कहा कि अब यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के पैटर्न पर होगा और जुलाई से शुरू होने वाला सत्र अब एक अप्रैल से शुरू होगा. दूसरे बोर्ड की परीक्षा के सामान ही यूपी बोर्ड का सत्र भी उसी समय शुरू होगा. 

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नकल पर बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सॉल्वर व लेखक नकल की परीक्षा में उपलब्ध कराए जाते थे. अब काफी कड़ाई हुई है और नकल पर काफी हद तक अंकुश लगाया है. उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में भैंस बांधी जाती थी और बारात घर बना दिए गए थे. ऐसे विद्यालय अब नहीं दिखेंगे. ऐसे जिलों में जाकर विद्यालयों की सूची तैयार की जा रही है. जहां पढ़ाई नहीं कराई जा रही है. उन विद्यालयों को नोटिस में लिया जा रहा है और जहां पढ़ाई नहीं होगी उन स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा रही है. स्कूलों का शैक्षिक पंचांग जारी किया गया है.

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