लखीमपुर खीरी बवाल: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को यूपी बार्डर पर रोका, अधिकारियों से हुई तीखी झड़प

संक्षेप:

  • उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को यूपी बार्डर पर रोका
  • अधिकारियों से हुई तीखी झड़प 
  • धरने पर बैठ यूपी सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बहेड़ी। पूर्व सीएम हरीश रावत खीरी बवाल में मारे गए किसानों के परिजन से मिलने के लिए ऊधमसिंह नगर से समर्थकों के साथ रवाना हुए। पर नैनीताल हाईवे से उत्तरप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर मुड़िया मुर्करमपुर टोल प्लाजा पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस पर उनकी पुलिस और प्रसासन के अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो वह कार्यकर्ताओं के साथ टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए। करीब तीन घंटे बाद उन्होंने खुद धरना खत्म कर दिया और अपने काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए।

दरसल, पूर्व सीएम हरीश बृहस्पतिवार कोजब समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने के लिए निकले तभी रास्ते में पुलभट्टा, टनकपुर, सितारगंज, बनबसा से बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता उनके काफिले में शामिल हो गए। दोपहर करीब डेढ़ बजे हरीश रावत का काफिला नैनीताल हाईवे के मुड़िया मुर्क रपुर टोल प्लाजा पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने यहां पहले से ही बेरीकैडिंग कर रखी थी। खीरी जाने से रोकने पर हरीश रावत की एसडीएम नवाबगंज आशीष गुप्ता, सीओ अजय गौतम से तीखी नोकझोंक हो गई।

धरने पर बैठ यूपी सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

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करीब 20 मिनट के हंगामे के बाद अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने हरीश रावत और साथ मौजूद कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया तो वे टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब तीन घंटे के बाद शाम साढ़े पांच बजे हरीश रावत ने धरना समाप्त कर दिया और काफिले के साथ ऊधमसिंह नगर लौट गए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोटियाल, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज बेहड़ ,जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व विधायक नरायन पाल, दर्शन सिंह कोहली के अलावा बरेली जिलाध्यक्ष अशफाक सकलैनी, महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला, केके दीक्षित, सलीम अख्तर, योगेश जौहरी आदि मौजूद रहे।

तीन घंटे के लिए बंद किया मोबाइल नेटवर्क

हरीश रावत के समर्थकों के साथ लखीमपुर जाने की खबर पर प्रशासन अलर्ट हो गया था। पहले से ही टोल प्लाजा पर सुरक्षा के सारे इंतजाम कर लिए गए थे। मोबाइल नेटवर्क को भी करीब तीन घंटे के लिए बंद करा दिया गया। पूर्व सीएम के जाने के बाद शाम करीब छह बजे मोबाइल नेटवर्क शुरू किया गया।

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