गोरखपुर ट्रेजेडी – जांच में 4 और कर्मचारी पाये गए दोषी

संक्षेप:

  • गोरखपुर के बीआरडी में बच्चों की मौत का मामला
  • जांच में 4 और कर्मचारियों ने नाम आये सामने
  • चारों के खिलाफ पुलिस कर रही सबूत जुटाने की कोशिश

गोरखपुर - गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में अगस्त के महीने में हुई 30 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में जैसे जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है, वैसे ही नए तथ्य सामने आ रहे है। अब इस मामले में चार और कर्मचारी संदेह के दायरे में आ गए हैं। मामले की तफ्तीश का दायरा बढ़ाते हुए पुलिस ने चारों कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। उनके विरुद्ध दस्तावेजी सबूत भी जुटाए जा रहे हैं। आपको बता दे कि इस प्रकरण में पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला साहित 9 आरोपी जेल में हैं।

कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में पुलिस ने एक अन्य पूर्व प्राचार्य डा. केपी कुशवाहा सहित 5 अन्य कर्मचारियों की भूमिका को पहले ही संदिग्ध बता चुकी है। मेडिकल कालेज में 10 व 11 अगस्त को 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में महानिदेशक चिकित्सा, शिक्षा व प्रशिक्षण केके गुप्त की तहरीर पर पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र व उनकी पत्नी सहित 9 डाक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। क्षेत्र अधिकारी कैंट अभिषेक सिंह मामले की विवेचना कर रहे हैं। 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था जबकि दो अन्य आरोपियों ने कोर्ट में समर्पण किया था।

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विवेचक ने नामजद आरोपियों के विरुद्ध पिछले दिनों कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें उन्होंने डॉ राजीव मिश्र से पहले मेडिकल कालेज के प्राचार्य रहे डा. केपी कुशवाहा सहित पांच अन्य लोगों की भी भूमिका का जिक्र किया है। डॉ कुशवाहा समेत पांच कर्मचारियों के विरुद्ध चल रही जांच के क्रम में चार और कर्मचारियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। इसमें एक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुका है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उनके विरुद्ध दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों ने पूछताछ के बाद इन कर्मचारियों का नाम भी चार्जशीट में शामिल किए जाने का दावा किया है।

मेडिकल प्रकरण में हो रहे विवेचना पर ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कुछ कथ्य लोगो द्वारा ये कहा गया कि कुछ चार्ज हटाए गए हैं, दो बातें इस संबंध में स्पष्ट करना चाहता हूं कि विवेचना एक निष्पक्ष प्रक्रिया है जो भी तथ्य सामने और जो सच हमें मिलेंगे उसे के आधार पर कार्रवाई करेंगे न किसी पक्षपात अनुग्रह दुर्व्यवहार के कारण नहीं होगी दूसरी बात दो धाराओं के बारे में चर्चा की जा रही है कि 66 आईटी एक्ट, 15 मेडिकल एक्ट के बारे में है, और भ्रष्टाचार से संबंधित अधिनियम के बारे में है।

साथ ही कहा कि मैं पूरी तरह से अस्पष्ट करना चाहता हूं कि 15 मेडिकल एक्टिव परिभाषा उसके धाराओं में जो अभियुक्त है उसकी गतिविधियां नहीं आता दूसरी जो 66 it एक्ट  के बारे स्पष्ट करना चाहूंगा, माननिय सर्वोच्चय न्यायालय द्वारा अप्रभावी कर दिया गया।

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