गोरखपुर जिले में बढ़ा बाढ़ के हालात बिगड़ने की आशंका, सरयू नदी में गिरजा बैराज से छोड़ा गया 7.68 लाख क्यूसेक पानी

संक्षेप:

  • गोरखपुर जिले में बढ़ा बाढ़ के हालात बिगड़ने की आशंका।
  • सरयू नदी में गिरजा बैराज से छोड़ा गया 7.68 लाख क्यूसेक पानी।
  • खतरे के निशान से 51 सेमी ऊपर बह रही है सरयू नदी।

गोरखपुर. सरयू नदी में लखीमपुर खीरी स्थित गिरजा बैराज से 7.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से जिले में बाढ़ के हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। अब सरयू का जलस्तर तेजी बढ़ेगा, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं, बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की टीमें लगाई गई हैं। राहत-बचाव कार्य को भी तेज किया गया है। फिलहाल, जिले के 88 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सात तहसीलों की 21,832 से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

खतरे के निशान से 51 सेमी ऊपर बह रही है सरयू नदी

सरयू नदी अयोध्या में खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। देवरिया के बरहज में खतरे के निशान से 1.35 मीटर ऊपर है। राप्ती और सरयू नदी का संगम बरहज में होता है। इस नाते जलस्तर अधिक रहता है। सोमवार शाम रोहिन नदी खतरे के निशान से 1.13 मीटर ऊपर बह रही थी। कुआनो नदी चंद्रदीप घाट पर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गोर्रा नदी ने भी सोमवार की शाम खतरे के निशान को छू लिया है।

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शहर के बंधों पर बढ़ रहा दबाव

राप्ती नदी के उफनाने से शहर के बंधों पर भी दबाव बढ़ गया है। शहर क्षेत्र में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। ग्रीन सिटी क्षेत्र से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंपिंग सेट लगा है, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा है। अब गोरखनाथ क्षेत्र से आने वाला पानी नहीं निकल पाएगा। सब ग्रीन सिटी क्षेत्र में जमा होगा। घर, स्कूल व कॉलेज में पानी घुस जाएगा।

खतरे के निशान को पार कर चुकी है गोरखपुर की पांच नदियां

गोरखपुर से होकर छह नदियां बहती हैं, इनमें से पांच खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राप्ती, रोहिन, सरयू और कुआनो खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सोमवार को अपराह्न चार बजे तक गोर्रा नदी ने भी खतरे के निशान को छू लिया। देर रात तक इसका जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया। आमी नदी भी उफनाई है। हालांकि, आमी नदी का जलस्तर नहीं मापा जाता है।

एसडीएम ने प्रशासन को किया तैनात

नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंधों पर दबाव बढ़ने लगा है। एक तरफ सिंचाई विभाग मुस्तैदी से तटबंधों की निगरानी कर रहा है, वहीं प्रशासन की टीम भी जुटी है। पुलिस के जवान लगातार बंधों पर गश्त कर रहे हैं। एसडीएम को निगरानी के लिए लगाया गया है। मंडल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रमुख अभियंता एनसी उपाध्याय दो दिन पर डेरा डाले हैं।

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